Ranchi : राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान -रिम्स में लापरवाही आम बात है. आए दिन यह अस्पताल इसकी वजह से सुर्खियों में रहता है. रिम्स के अधिकतर विभाग में कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है. मरीजों का इलाज करने वाले मेडिकल कर्मियों को खाना अस्पताल प्रबंधन की ओर से दिया जा रहा है. इसी खाने में मरी हुई छिपकली मिली. इसके बाद कैंटीन से खाना खाने वाले डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकल कर्मियों के होश उड़ गए.
दाल में थी मरी हुई छिपकली
दरअसल रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत वेंटिलेटर टेक्नीशियन ने रिम्स कैंटीन से दोपहर का खाना लिया था. टेक्नीशियन खाना लेकर चली गई. खाना खाने के वक्त जब उसने दाल के कंटेनर को खोला तो उसके होश उड़ गए. दाल में मरी हुई छिपकली देखते ही उसने आनन-फानन में कैंटीन संचालक को बुलाकर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद कई लोगों ने खाना नहीं खाया.
110 लोगों को पेइंग वार्ड के कैंटीन से दिया जा रहा है खाना
रिम्स में कोरोना की ड्यूटी करने वाले डॉक्टर,नर्स और अन्य कर्मचारियों को प्रबंधनद्वारा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. रिम्स के पेइंग वार्ड में बने कैंटीन से हर रोज करीब 110 लोगों को भोजन दिया जाता है. इसके अलावा चाय नाश्ता का भी यहां पर प्रबंध है.
एडिशनल डायरेक्टर ने किया कैंटीन का निरीक्षण
वहीं दाल में मरी हुई छिपकली की जानकारी मिलने के बाद रिम्स के एडिशनल डायरेक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कैंटीन का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कैंटीन में बनने वाले खाने की वस्तुस्थिति को देखा और गुणवत्ता की भी जानकारी ली. साथ ही साफ सफाई की व्यवस्था का भी जायजा लिया.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
वहीं रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने कहा- खाने में मरी हुई छिपकली की जानकारी मेरे संज्ञान में है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.