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नयी शिक्षा नीति-2020 :  एसबीयू में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र की स्थापना 30 मई को

 Ranchi :  सरला बिरला विश्वविद्यालय (एसबीयू) के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक एवं कुलपति प्रो सी जगनाथन ने जानकारी दी कि एसबीयू में  नयी शिक्षा नीति-2020 के तहत भारतीय ज्ञान एवं परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए नयी पहल की जा रही है.

विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित प्रेस कॉंफ्रेंस में उन्होंने बताया कि इससे जुड़ी किताबों को पाठ्यक्रमों में शामिल किये जाने के अलावा यहां 30 मई को भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र की स्थापना की जा रही है.  

इससे विश्वविद्यालय के छात्र यहां भारतीय परपंराओं से रूबरू हो सकेंगे. साथ ही इस केन्द्र में  भारतीय ज्ञान परंपरा के दृष्टिकोण सहित कई विषयों से जुड़े शोध विद्यार्थियों को फायदा होगा.  

इस अवसर पर प्रो गोपाल पाठक ने कहा कि संस्कृत, योग एवं भागवत गीता हमारी विरासत रहे हैं और हमारे यहां प्राचीन काल से इन सभी विषयों की पढ़ाई होती रही. इसपर विचार करते हुए एसबीयू भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र की स्थापना कर रहा है.

यह झारखंड का पहला केंद्र होगा. उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300 जन्म जयंती के अवसर पर यह शुरुआत हो रही है. कार्यक्रम की शुरुआत पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर को पुष्पांजलि के साथ होगी.

प्रो जगनाथन ने भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र की विश्वविद्यालय में स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भारत के गौरवशाली इतिहास और परंपरा के बारे में बताया. कहा कि विज्ञान, ज्योतिष, तकनीक इत्यादि विषय भारत के ज्ञान और परंपरा में रहे हैं. कोई भी विद्यार्थी इसे सीख कर अपने स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर पाने में सक्षम है.

इस अवसर पर डीन डॉ नीलिमा पाठक ने कहा कि शास्त्र और शस्त्र में पारंगत अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के अवसर पर भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र की स्थापना विश्वविद्यालय में किये जाने से निश्चित तौर पर भारतीय परंपराओं और नैतिकताओं का पालन सुनिश्चित हो सकेगा.

उन्होंने इस केंद्र की स्थापना को सरला बिरला विश्वविद्यालय के इतिहास का सुनहरा पल करार दिया.

 

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