Ranchi : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को झारखंड के विभिन्न सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की.
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा करना था. समीक्षा बैठक में राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति सिर्फ पाठ्यक्रम का बदलाव नहीं है,
बल्कि यह शिक्षा की पूरी सोच को परिवर्तित करने का अवसर है. राज्य के विश्वविद्यालयों को इस दिशा में तेजी से काम करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा लक्ष्यों के साथ कदम मिलाकर चलना होगा.
राष्ट्रीय शिक्षा लक्ष्यों के साथ कदम मिलाकर चलें
राज्यपाल ने कुलपतियों से कहा कि वे नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और राष्ट्रीय शिक्षा लक्ष्यों के साथ कदम मिलाकर चलें.
विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी और छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करनी होगी.
कुलपतियों ने सकारात्मक सहयोग का दिया आश्वासन
बैठक में उपस्थित सभी कुलपतियों ने इस दिशा में सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया और कहा कि उनके विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को पूरी गंभीरता से लागू करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं.
कुलपतियों ने राज्यपाल के समक्ष अपने-अपने विश्वविद्यालयों का प्रस्तुतीकरण दिया और बताया कि वे अपने संस्थानों में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को किस प्रकार लागू कर रहे हैं.
नई शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदु
चार वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम: इसमें शोध और विशेषज्ञता के विकल्प भी शामिल हैं.
एक और दो वर्षीय स्नातकोत्तर प्रोग्राम: शोध आधारित शिक्षा और मूल्यांकन प्रणाली में सुधार को बढ़ावा दिया गया है.
स्थानीय भाषा में पढ़ाई: विद्यार्थियों को स्थानीय भाषा में पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे बुनियादी समझ और संप्रेषण बेहतर हो सके.
कौशल विकास: कौशल विकास को मुख्यधारा में शामिल किया गया है ताकि छात्र डिग्री के साथ-साथ व्यावसायिक रूप से सक्षम बनें.