Satya Sharan Mishra
ऐसा लगता है झारखंड की राजनीति में डर्टी पॉलिटिक्स का नया दौर शुरू हो गया है. 23 अप्रैल को मंत्री बन्ना गुप्ता का कथित अश्लील वीडियो चैट सार्वजनिक किया गया. इसके बाद विभिन्न दलों के नेताओं के बीच एक्शन और रिएक्शन का दौर शुरू हो गया. जिसने यह साबित किया कि नेताओं की रुचि मुद्दों और विचाराधारा की राजनीति से ज्यादा डर्टी पॉलिटिक्स में है. वे एक-दूसरे के कपड़े उतारने में लगे हैं. पिछले पांच दिनों से हर तरफ अनसेंसर्ड पॉलिटिक्स का नजारा दिख रहा है. सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया (अखबार, टीवी) और न्यू मीडिया (पोर्टल व यूट्यूब चैनल) पर, हर जगह एक जैसी ही गंदगी देखी जा रही है. राजनीतिक दलों से जुड़े बड़े-छोटे नेता-कार्यकर्ता से लेकर समर्थक विरोधी लोग गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगे हैं. कह सकते हैं कि निजी हमलों का नया दौर शुरू हो गया है. सभी पर्सनल होने लगे हैं.
गौर करें तो पिछले पांच दिनों से झारखंड की राजनीति में हर तरफ अश्लीलता फैली हुई है. आपसी बातचीत से लेकर मीडिया में आने वाले बयानों तक में इसे गौर किया जा सकता है. फिल्म, टीवी प्रोग्राम या वेब सीरिज हो, हर जगह सेंसरशिप है. प्रसारण से पहले सेंसरशिप का सर्टिफिकेट लेना होता है. डिस्क्लेमर में यह बताना होता है कि किन्हें यह कार्यक्रम देखना है. सोशल मीडिया पर तो कोई सेंसरशिप नहीं है, पर अब यह लगने लगा है कि नेताओं पर भी यह लागू नहीं होता. सांसद निशिकांत दुबे समेत कई नेताओं ने मंत्री बन्ना गुप्ता को लेकर वायरल वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाल दिया. अखबारों ने पहले पन्ने पर खबर दी. न्यू मीडिया के एक पोर्टल ने तो पूरा अश्लील वीडियो ही अपने पोर्टल पर परोस दिया.
सरयू पर बन्ना व दुबे के निजी हमले
मंत्री बन्ना गुप्ता का वीडियो वायरल होने के बाद चरित्र हनन का जो दौर शुरु हुआ है, वह जारी है. वीडियो जारी होते ही लोग यह पता लगाने में जुट गये कि वीडियो में वह महिला कौन है. कई लोगों ने एनएसयूआई की महिला नेता का नाम उछाल दिया. आखिरकार उस महिला नेता को सामने आना पड़ा. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि वीडियो में वह नहीं है. उन्होंने इसे लेकर एफआईआर भी दर्ज कराई है. एक निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दावा किया है कि वायरल वीडियो तो सिर्फ ट्रेलर है, पूरा वीडियो कई खंड में हो सकता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि वीडियो में दिख रही महिला जमशेदपुर के एक फर्नीचर हाउस में काम करती है. इस पर कांग्रेस ने भी सरयू राय पर पलटवार किया. जमशेदपुर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद कुमार दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरयू राय के चरित्र पर सवाल खड़े कर दिये. कहा गया कि उनके साथ रामार्चा पूजा में बैठने वाली महिला कौन हैं और उनकी तरह दिखने वाला युवक कौन है. सरयू राय इसका जवाब दें. 26 अप्रैल को रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बन्ना गुप्ता ने भी यही सवाल उठाये.
हर तरफ फुहड़ता
बन्ना गुप्ता प्रकरण शांत भी नहीं हुआ था कि रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने भी दावा किया कि उन्हें हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई. देर रात एक महिला ने आपत्तिजनक हालत में उन्हें वीडियो कॉल किया था. इसके बाद फिर शहर के तथाकथित बुद्धिजीवियों, नेताओं और पत्रकारों ने इस पर बड़ी फूहड़ता से सोशल मीडिया में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त दी. कांग्रेस-झामुमो के भी नेता एक्टिव हो गये और पूछा कि बन्ना मामले पर बोलने वाले भाजपा नेता सीपी सिंह पर चुप क्यों हैं. उधर कुछ लोगों ने बन्ना गुप्ता के वीडियो के स्क्रीन शॉट के साथ 2019 में वायरल हुए भाजपा विधायक बिरंची नारायण के वीडियो के स्क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर वायरल करना शुरू कर दिया. डर्टी और अनसेंसर्ड पॉलिटिक्स का यह दौर अभी जारी है. ऐसा लग रहा है कि अभी यह रूकने वाला नहीं है. और भी क्लिप सामने आ सकते हैं.
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