- साल भर में पोल्ट्री से निकलता है 363 टन कचरा
- मवेशियों के कचरे से 116 मेगावाट बिजली उत्पादन का खाका तैयार
- शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन निकलता है 1055 मिलियन लीटर गीला कचरा
- सरकार ने कचरा से 151 मेगावाट बिजली उत्पादन का रखा है लक्ष्य
Ranchi : झारखंड में पोल्ट्री(मुर्गा-मुर्गी-बत्तख) के कचरे से भी बिजली तैयार की जाएगी. सरकार ने इस कचरे से पांच मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है. रिन्यूएवल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए डीपीआर में कहा गया है कि पोल्ट्री फॉर्म से साल भर में 363 टन कटरा निकलता है. इससे पांच मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है.
मवेशियों के कचरे से 116 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
मवेशियों के कचरे से 116 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. कैटल वेस्ट( मवेशी कचरा) साल भर में 13,580 टन निकलता है. इसका उपयोग बिजली उत्पादन में किया जा सकता है. वहीं शहरी क्षेत्रों में निकलने वाले गीला कचरा से 10 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. आकलन के अनुसार शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 1055 मिलियन लीटर गीला कचरा निकलता है.
ठोस कचरा से 20 मेगावाट बिजली का उत्पादन
सरकार द्वारा तैयार की गई योजना के तहत शहरी क्षेत्रों से निकलने वाले ठोस कचरा से 20 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. शहरी क्षेत्रों में साल भर में 1317 टन कचरा निकलता है. इस तरह कुल ठोस कचरा 15260 टन प्रति वर्ष निकलने का अनुमान लगाया गया है.
किस कचरे से कितने मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
पोल्ट्री – 05 मेगावाट
कैटल वेस्ट जेनरेशन- 116 मेगावाट
अर्बन लिक्विड वेस्ट- 10 मेगावाट
अर्बन सॉलिड वेस्ट- 20 मेगावाट
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