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उद्योगों के लिए नए नियम, 5 साल का रहेगा लॉक इन पीरियड, ट्रांसफर शुल्क में 10-15 फीसदी की वृद्धि

Ranchi : राज्य सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार किया है. इस नीति के तहत, उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को जमीन आवंटित करने के नियमों को कड़ा किया गया है. इस नीति का नाम झारखंड लैंड एलोकेशन पॉलिसी 2025 होगा. जल्द ही इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

 

क्या है इस नीति की खास बातें

•    5 साल का लॉक-इन पीरियड : कोई भी उद्यमी आवंटित जमीन पर उत्पादन शुरू करने के कम से कम पांच साल बाद ही अपनी फैक्ट्री या जमीन किसी दूसरे को बेच या ट्रांसफर कर सकेगा.
•    ट्रांसफर शुल्क में वृद्धि: एमएसएमई इकाइयों के लिए ट्रांसफर शुल्क 15% से बढ़ाकर 25% किया जाएगा, जबकि बड़ी इकाइयों के लिए यह शुल्क 25% से बढ़ाकर 40% करने का प्रस्ताव है.
•    नेट वर्थ और टर्नओवर की शर्तें: उद्यमियों की नेट वर्थ और टर्नओवर की शर्तें भी जोड़ी गई हैं ताकि केवल गंभीर और वित्तीय रूप से सक्षम उद्यमी ही आवेदन कर पाएं.

 

क्या है नई नीति का उद्देश्य

•    जमीन की जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकना: इस नीति का उद्देश्य जमीन की जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकना है, जिससे केवल वास्तविक उद्यमी ही उद्योग लगाने के लिए जमीन प्राप्त कर सकें.
•    औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना: नई नीति के तहत, केवल वही उद्यमी आवेदन करेंगे जो वास्तव में उत्पादन और रोजगार सृजन करना चाहते हैं, जिससे राज्य का औद्योगिक विकास भी बढ़ेगा.

 

अब तक झारखंड में उद्योगों के लिए बनी नीतियां

झारखंड औद्योगिक नीति 2001
•    राज्य के आधारभूत संरचनाओं का विकास करना, पूंजी निवेश को बढ़ावा देना, और राज्य में बढ़ रही बेरोजगारी को कम करना.
•    झारखंड में 10% विकास दर का लक्ष्य रखा गया था.
•    इस नीति का उद्देश्य राज्य में कुटीर उद्योगों सहित विभिन्न प्रकार के उद्योगों का विकास करना था.

 

झारखंड औद्योगिक नीति 2012

•    इस नीति का कार्यकाल 5 वर्षों के लिए था.
•    झारखंड सरकार ने औद्योगिक नीति 2012 में कुल 16 नीतियों को चिन्हित किया गया है.

झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2016
•    राज्य में सतत औद्योगिक वृद्धि को प्रोत्साहन प्रदान करना और औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर उत्पन्न करना.

औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 
•    इस नीति को 1 अप्रैल 2021 को अधिसूचित किया गया था.
•    उद्देश्य: राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देना और झारखंड राज्य के युवकों को रोजगार से जोड़ना.

एमएसएमई प्रोत्साहन नीति 
•    पांच साल तक बैंक ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी, अधिकतम सीमा में सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के लिए 25 लाख और 1 करोड़, वहीं मध्यम उद्यम के लिए 2 करोड़.
•    रैयतों से खरीदी गई जमीन पर स्टांम्प शुल्क और पंजीकरण में छूट.
•    25 लाख तक 100% गुणवत्ता पंजीकरण सहायता फ्री.
•    अधिकतम 25 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रति पेटेंट, व्यय का 50%.
•    स्टांप शुल्क का 75% अधिकतम चार लाख तक का प्रावधान.
•    उत्पादन शुरू होने के पश्चात 5 वर्षों के लिए बिजली शुल्क फ्री देने का प्रावधान.

 

क्या है झारखंड में उद्योगों को दी गई जमीन की स्थिति

•    झारखंड में इंडस्ट्रीयल एरिया की संख्या-157
•    उद्योगों को अब तक 9748.56 एकड़ जमीन दी गई
•    उद्योगों के लिए अब तक 1695.58 एकड़ जमीन खाली
•    झारखंड में कुल औद्योगिक ईकाईयों की संख्या 3519 है

 

किस रिजन में कितने जमीन आवंटित

संतालपरगना रिजन
•    इंडस्ट्रीयल एरिया- 27
•    कुल जमीन ट्रांसफर-1460.8 एकड़
•    कुल जमीन खाली- 400.15
•    कुल औद्योगिक ईकाई- 353

बोकारो रिजन
•    कुल इंडस्ट्रीयल एरिया-14
•    कुल जमीन ट्रांसफर-1634.04 एकड़
•    कुल खाली जमीन – 06 एकड़
•    कुल औद्योगिक ईकाईयां- 660

रांची रिजन
•    कुल इंडस्ट्रीयल एरिया-42
•    कुल जमीन ट्रांसफर-1889.80 एकड़
•    कुल खाली जमीन – 110.75एकड़
•    कुल औद्योगिक ईकाईयां- 973

आदित्यपुर रिजन
•    कुल इंडस्ट्रीयल एरिया-74
•    कुल जमीन ट्रांसफर-4763.86 एकड़
•    कुल खाली जमीन – 1179.08 एकड़
•    कुल औद्योगिक इकाइयां- 1533

 

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