Ranchi : झारखंड में अब विश्वविद्यालयों के कुलपति की नियुक्ति के लिए एक चयन समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर सचिव, प्रधान सचिव या सचिव अध्यक्ष होंगे.
इसके अलावा, उच्च राष्ट्रीय प्रतिष्ठा प्राप्त संस्था या विश्वविद्यालय के निदेशक या प्रमुख, यूजीसी का प्रतिनिधि और कुलाधिपति द्वारा नामित प्रतिनिधि भी समिति के सदस्य होंगे. संबंधित विश्वविद्यालय का कुलसचिव भी चयन समिति का सदस्य होगा.
चयन प्रक्रिया और पात्रता
चयन समिति में नामित सदस्य वे व्यक्ति होंगे जो कभी भी संबंधित विश्वविद्यालय या उसके किसी महाविद्यालय या मान्यता प्राप्त संस्था से संबंधित नहीं रहे होंगे. मताधिकार प्राप्त न्यूनतम तीन सदस्यों की उपस्थिति के बिना चयन समिति की बैठक नहीं होगी. समिति राज्य सरकार को तीन से पांच नामों की अनुशंसा करेगी, जिनमें प्रत्येक व्यक्ति की उपयुक्तता पर विस्तृत विवरण होगा.
कुलपति के कार्यकाल और नियुक्ति
कुलपति का कार्यकाल संतोषप्रद प्रदर्शन और अधिकतम 70 वर्ष की उम्र सीमा तक होगा. विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न पदों पर नियुक्ति होगी. आयोग में अध्यक्ष, सदस्य प्रशासन और तीन अन्य सदस्य होंगे, जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार करेगी.
विश्वविद्यालय सेवा आयोग की भूमिका
विश्वविद्यालय सेवा आयोग विश्वविद्यालय के अधिकारियों, अध्यापकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों और अंगीभूत महाविद्यालय के प्रधानाचार्यों की प्रत्यक्ष विधि से नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगा. विश्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष जनवरी तक राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित रोस्टर के अनुसार रिक्त पदों के विरुद्ध आवश्यक पदों के लिए आयोग को आवश्यकता पत्र प्रेषित करेगा.
छात्र और कर्मचारी शिकायत निवारण
विश्वविद्यालयों में छात्र शिकायत निवारण समिति और कर्मचारी शिकायत निवारण समिति होगी. इसके अलावा, कर्मचारी शिकायत निवारण न्यायाधिकरण भी होगा, जिसके अध्यक्ष उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज होंगे.
विश्वविद्यालयों में विभिन्न बोर्डों का गठन
विश्वविद्यालयों में अनुसंधान, नवाचार, संवर्धन, उद्योग संपर्क एवं उद्यमिता बोर्ड, सूचना प्रौद्योगिकी बोर्ड, छात्र मामलों के बोर्ड आदि सहित कई बोर्डों का गठन किया जाएगा. ये बोर्ड विश्वविद्यालयों के विभिन्न कार्यों को सुचारु रूप से चलाने में मदद करेंगे.
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