NewDelhi : भारत की मोदी सरकार ने 2017 में मिसाइल प्रणाली सहित हथियारों की खरीद के लिए हुए 2 बिलियन डॉलर के रक्षा डील में ही इजरायली स्पाईवेयर पेगासस खरीदा था. शुक्रवार को द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट यही कहती है. न्यूयॉर्क टाइम्स के द्वारा की गयी जांच से जानकारी सामने आयी कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने भी इस स्पाईवेयर को खरीदा था. खबरों के अनुसार एफबीआई इस स्पाईवेयर को घरेलू निगरानी के लिए इस्तेमाल करना चाहती थी.
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की न्यूज डायरी।।29 जनवरी।।अपराधियों से निपटे पुलिस: हेमंत।।होमगार्ड बहाली मामले पर सीएम गंभीर।।16 परहिया आदिम जनजातियों को वन पट्टा।।अनंत होंगे मुख्य आर्थिक सलाहकार।।समेत कई खबरें और वीडियो. दुनिया भर में इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया
रिपोर्ट के अनुसार कैसे दुनिया भर में इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया. कहा गया कि इसमें मेक्सिको द्वारा पत्रकारों और विरोधियों को निशाना बनाने सहित सऊदी अरब द्वारा महिला अधिकारों की पक्षधर कार्यकर्ताओं के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जाना शामिल था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सऊदी अरब के गुर्गों द्वारा हत्या कर दिये गये स्तंभकार जमाल खशोगी के खिलाफ भी इजरायली स्पाईवेयर का इस्तेमाल हुआ.रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल के रक्षा मंत्रालय द्वारा नये सौदों के तहत पोलैंड, हंगरी और भारत समेत कई देशों को पेगासस की सेवा दी गयी.
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हमले में 10 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ली जिम्मेदारी 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल की यात्रा पर गये थे
जान लें कि जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल की यात्रा पर गये थे किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इजरायल की यह पहली यात्रा थी. न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह यात्रा तब हुई जब भारत ने फिलिस्तीन और इजरायल संबंधों को लेकर एक नीति बनाई हुई थी. प्रधानमंत्री मोदी की इजरायल यात्रा काफी सौहार्दपूर्ण रही थी. उस दौरान पीएम मोदी अपने समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक बीच पर टहलते हुए देखे गये थे. दोनों के बीच दिखी इस गर्मजोशी का कारण दोनों देशों के बीच हुई डिफेंस डील थी. दोनों देशों के बीच हुए 2 बिलियन डॉलर समझौते में हथियारों और ख़ुफ़िया सिस्टम की खरीद शामिल था. इस डील में पेगासस भी शामिल था.
न तो भारत सरकार और न ही इजरायली सरकार ने माना है कि भारत ने पेगासस को खरीदा है
हालांकि अब तक न तो भारत सरकार और न ही इजरायली सरकार ने माना है कि भारत ने पेगासस को खरीदा है. मीडिया समूहों के एक वैश्विक संघ ने जुलाई 2021 में खुलासा किया था कि दुनिया भर की कई सरकारों ने अपने विरोधियों, पत्रकारों, व्यापारियों पर जासूसी करने के लिए स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया था. भारत में द वायर द्वारा की गयी जांच में बताया गया था कि जिन जिन के खिलाफ जासूसी होने की संभावना थी उसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव थे सहित कई अन्य प्रमुख नाम थे. सूची में द इंडियन एक्सप्रेस के दो वर्तमान संपादकों और एक पूर्व संपादक सहित लगभग 40 अन्य पत्रकारों के शामिल होने की बात कही गयी थी. [wpse_comments_template]
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