Jamshedpur : जमशेदपुर में नवजात शिशु का व्यापार एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. इसके व्यापार में एक संगठित गिरोह काम कर रहा है. उक्त गिरोह मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं और युवतियों को निशाना बनाता है, जो सड़क किनारे या फुटपाथ पर रहने को विवश हैं. ऐसी विक्षिप्त महिलाओं/युवतियों को गर्भवती बनाकर उनका निजी या सरकारी अस्पताल में प्रसव कराया जाता है. फिर उक्त नवजात का व्यापार किया जाता है. यह गंभीर आरोप बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान ने लगाया है. संस्थान ने इसकी शिकायत भारत सरकार के गृह सचिव से की है. संस्था के मुख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर ने बताया कि इस तरह का कारोबार काफी वर्षों से चल रहा है. वर्ष 2017-18 में उन्होंने इसकी शिकायत भारत सरकार से की थी. इसे भी पढ़ें : सरायकेला">https://lagatar.in/seraikela-pmo-worker-held-hostage-sister-shows-fear-of-weapon-theft-in-the-house/">सरायकेला
: पीएमओ कर्मी को बंधक बना और बहन को हथियार का भय दिखा घर में की चोरी इसके बाद सरकार ने कई अनाथालय की जांच कराई गई और कार्रवाई हुई. लेकिन मामला ठंडा पड़ते ही नवजात शिशुओं का व्यापार करने वाला गिरोह फिर सक्रिय हो गया है. उक्त गिरोह के लोग नोटरी एकरारनामा के आधार पर नवजात का व्यापार कर रहे हैं. उन्होंने केन्द्रीय गृह सचिव से इसकी फिर से जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. सरकार की ओर से झारखंड में जिलावार कराए गए जांच की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आग्रह किया. सदन कुमार ठाकुर ने बताया कि नवजात शिशुओं का व्यापार करने वाले गिरोह के सदस्य सुनियोजित तरीके से इस कारोबार को अंजाम देते हैं. विक्षिप्त महिलाएं/युवतियां अमूमन नशे की आदि होती हैं. उन्हें भोजन, कपड़ा और नशा उपलब्ध कराकर गिरोह उन्हें झांसे में लेता है. फिर उनका शारीरिक शोषण कर इस्तेमाल करता है. [wpse_comments_template]
जमशेदपुर में नवजात शिशु का हो रहा व्यापार, केंद्रीय गृह सचिव से जांच कर कार्रवाई की मांग

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