New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत की गयी गिरफ्तारी के खिलाफ न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती की याचिका पर बुधवार को दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा.
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पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ के समक्ष पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और देवदत्त कामत ने कहा कि वे जेल में हैं. कहा कि उनकी याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की जाये. इस दलील के बाद पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया कर 30 अक्टूबर तक जवाब मांगा. बता दें कि सिब्बल द्वारा 16 अक्टूबर को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इसका उल्लेख किया गया था, जिसके बाद ही SC मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमत हुआ था.
पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था
सीजेआई ने सिब्बल से मामले के कागजात पेश करने को कहा था और यह भी कहा था कि वह मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर फैसला लेंगे. पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. बाद में उन्होंने गिरफ्तारी और सात दिन की पुलिस हिरासत के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और अंतरिम राहत के तौर पर तत्काल रिहाई की मांग की.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस रिमांड के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर को गिरफ्तारी और उसके बाद पुलिस रिमांड के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी थी. उच्च न्यायालय ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि गिरफ्तारी के संबंध में कानूनी या संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन या कोई प्रक्रियात्मक खामी नहीं है और हिरासत में भेजने का आदेश कानून सम्मत है. निचली अदालत ने 10 अक्टूबर को उन्हें दस दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
आरोप है कि समाचार पोर्टल को चीन से बड़ी राशि मिली थी
उनके खिलाफ प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने और देश में असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को चीन से बड़ी राशि मिली थी. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए पुरकायस्थ ने पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज़्म (पीएडीएस) समूह के साथ मिलकर साजिश रची थी.