Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : बिरहोर मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सख्त कदम उठाया है. आयोग ने कड़ी टिप्पणी करते हुए एनटीपीसी के सीएमडी और हजारीबाग डीसी से स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने चार सप्ताह के अंदर दोनों से जवाब देने को कहा है.
एक्टिविस्ट मंटु सोनी की शिकायत पर सुनवाई कर रहे NHRC ने कहा है कि बेशक एनटीपीसी द्वारा खनन किया जा रहा है, जबकि यह उचित नहीं है. मामले के तथ्य और संयुक्त निरीक्षण समिति की रिपोर्ट आयोग को यह मानने के लिए बाध्य करती है कि एनटीपीसी और जिला प्रशासन ने बिरहोर आदिवासियों के जीवन और कल्याण पर खनन गतिविधि को प्राथमिकता नहीं दी है.
समस्याओं और जानमाल के नुकसान होने के बावजूद चट्टी बरियातु खनन परियोजना में खनन कार्य बेरोकटोक जारी है. इससे बिरहोर समुदाय के जीवन के अधिकार पर खतरा मंडरा रहा है.
एनटीपीसी के सीएमडी और डीसी से आयोग ने चार सप्ताह में मांगा जवाब
NHRC ने एनटीपीसी के सीएमडी को निर्देश दिया है कि वो चार सप्ताह के भीतर आयोग को चट्टी बरियातु खनन परियोजना में खनन कार्य जारी रहने के कारणों से अवगत कराएं,
जबकि विधिवत गठित समिति ने बिरहोरों को परेशान करने वाले स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों की पहचान करने के बाद बिरहोरों को स्थानांतरित किए जाने तक खनन कार्य को रोकने की सलाह दी है.
वे आयोग को यह भी सूचित करेंगे कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने से पहले सामाजिक प्रभाव आकलन किया गया था या नहीं. यदि हां, तो इसका विवरण भी आयोग को भेजा जाये.
वहीं हजारीबाग के उपायुक्त को निर्देश दिया गया है कि वे संयुक्त समिति के निष्कर्षों और टिप्पणियों पर जिला प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह के भीतर आयोग को सूचित करें.
संयुक्त समिति कि रिपोर्ट पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का निष्कर्ष
NHRC को हजारीबाग के डीसी द्वारा गठित एसडीएम सदर की रिपोर्ट और संयुक्त समिति ने स्थल का निरीक्षण कर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि एनटीपीसी की चट्टी बरियातू कोयला खनन परियोजना की शुरुआत 25 अप्रैल 2022 को हुई थी.
बिरहोर टोला, जो पगार गांव में पड़ता है, में 33 घर हैं. इनमें से चार घर, जो खनन स्थल के नजदीक हैं, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं. बिरहोर टोला के निवासी भारी धूल के कारण बीमारियों से ग्रसित पाये जाते हैं. उनमें खांसी के साथ बुखार, श्वास नली में संक्रमण आदि अक्सर देखे जाते हैं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एनटीपीसी ने 25 फीट ऊंचा हरित जाल बनाया है. बिरहोर टोला, पगार में पेड़ भी लगाये गये हैं और अन्य सुविधाएं प्रदान की गयी हैं. लेकिन बिरहोर समुदाय के अधिकांश लोगों ने ढेंगा बस्ती, बड़कागांव जाने से इनकार कर दिया है. प्रशासन उनके लिए किसी दूसरी जगह जमीन तलाश रहा है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि खनन कार्य शुरू होने के बाद दुर्गा बिरहोर और किरण कुमारी नाम के दो व्यक्ति की मौत हो गयी थी. संयुक्त समिति ने यह भी पाया है कि विस्फोट कार्य के कारण बिरहोरों के घर नष्ट हो रहे हैं.
उन्होंने यह भी पाया है कि जब तक बिरहोरों को स्थानांतरित नहीं किया जाता है, तब तक खनन कार्य उचित नहीं है.
आयोग ने रिपोर्ट पर विचार किया है और कहा कि बेशक, एनटीपीसी द्वारा खनन कार्य किया जा रहा है, जबकि यह उचित नहीं है. संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है.