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क्या है ट्रांसपोर्टर सोनू अग्रवाल पर आरोप
ट्रांसपोर्टर सोनू अग्रवाल को एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले का 21वां आरोपी बनाया है. सोनू अग्रवाल मगध आम्रपाली प्रोजेक्ट में कोयले का उठाव कर रही ट्रांसपोर्टिंग कंपनी मेसर्स श्री बालाजी ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है. NIA ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि सोनू अग्रवाल अपने व्यवसाय के सुचारू संचालन के लिए ग्राम समिति के सदस्यों और टीपीसी को लेवी का भुगतान करने के लिए स्थानीय व्यापारियों और अन्य व्यापारियों से नकद राशि की व्यवस्था करता था. उसने सह-आरोपी सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह के साथ आतंकवादी गिरोह टीपीसी के लिए आक्रमण गंझू द्वारा लेवी मांगे जाने पर पैसे जुटाने की आपराधिक साजिश रची थी. व्यापारियों को 10 का नोट और वसूल की जाने वाली राशि सोनू अग्रवाल ही तय करता था. इसे भी पढ़ें - कल">https://lagatar.in/budget-session-of-jharkhand-legislative-assembly-from-tomorrow-budget-will-be-presented-on-march-3-ruling-party-opposition-ready/">कलसे झारखंड विधानसभा का बजट सत्र, 3 मार्च को पेश होगा बजट, सत्ता पक्ष-विपक्ष तैयार
क्या है विनीत अग्रवाल पर आरोप
विनीत अग्रवाल की भूमिका भी टेरर फंडिंग मामले में काफी संदिग्ध है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा दाखिल की गयी दूसरी चार्जशीट के मुताबिक विनीत मैसर्स बीकेबी ट्रांसपोर्ट के वाइस प्रेजिडेंट हैं और इन्होंने 30 लाख रुपये का भुगतान नक्सली आक्रमण गंझू सहित टीपीसी के अन्य सदस्यों को लेवी के रूप में नकद राशि दी है.चार्जशीट में इस बात का भी उल्लेख है की मौखिक साक्ष्य स्थापित करते हैं कि विनीत अग्रवाल ने आतंकवादी गिरोह के सदस्यों, टीपीसी और अन्य के साथ मिलीभगत की और टीपीसी जो कि एक प्रतिबंधित नक्सल गिरोह है उसके सदस्यों के साथ आपराधिक साजिश करके टीपीसी को मजबूत किया और इसे बढ़ावा दिया. इतना ही नहीं इन पर यह भी आरोप है कि इन्होंने अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रेमविकास उर्फ़ मंटू सिंह और आक्रमण जी के माध्यम से उपरोक्त आतंकवादी गिरोह के लिए फंड जुटाने की प्लानिंग की. एनआईए ने उन्हें आईपीसी की धारा 120 B, 201 और 17 UA(P) एवं 17 और 18 CLA एक्ट की धाराओं में आरोपित बनाया है. इसे भी पढ़ें - गुजरात">https://lagatar.in/gujarat-rahul-gandhi-surrounds-pm-modi-on-6-thousand-crore-coal-scam-demands-inquiry-by-supreme-court-judge/">गुजरात: 6 हजार करोड़ के कोयला घोटाले पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरा, सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग
जानिए क्या है पूरा मामला
चतरा जिला के टंडवा थाने में दर्ज प्राथमिकी 22/18 को एनआईए ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. यह मामला सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी वसूली से संबंधित है. एनआईए ने सीसीएल कर्मी सुभान खान सहित 14 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में लिखा था कि टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था. इसमें टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमण जी ने अनुशंसा की थी और ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका मिला था. इसमें मिली राशि का बड़ा हिस्सा टीपीसी को जाता था. इसे भी पढ़ें - ED">https://lagatar.in/ed-files-case-against-lalu-confiscation-will-be-done-by-detecting-illegal-properties/">EDने लालू के खिलाफ दर्ज किया केस, अवैध संपत्तियों का पता लगाकर होगी जब्ती
बिंदू गंझू ने किया था खुलासा
टीपीसी के लिए लेवी की वसूली करने वाले मुख्य सरगना बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदू गंझू को एनआइए ने रांची से गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, उसने ही लेवी देनेवाले ट्रांसपोर्टरों और कंपनियों के नाम का खुलासा किया था. एनआइए को उसने यह भी बताया था कि लेवी के पैसे का हिस्सा पुलिस के आला अफसरों से लेकर नेताओं तक पहुंचाया जाता है. उसकी गिरफ्तारी के बाद हजारीबाग से इनामी उग्रवादी कोहराम और चतरा से मुनेशजी की गिरफ्तारी हुई थी. इसे भी पढ़ें - Russia-Ukraine">https://lagatar.in/russia-ukraine-war-explosion-in-kiev-attack-with-cruise-and-ballistic-missiles-ukrainian-presidents-passionate-appeal-to-avoid-war/">Russia-UkraineWar : कीव में धमाके ही धमाके, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला, यूक्रेन के राष्ट्रपति की युद्ध टालने की भावुक अपील [wpse_comments_template]

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