Ranchi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में खुलासा हुआ है कि स्वंत्रत पत्रकार रूपेश कुमार सिंह न केवल भाकपा माओवादी का सक्रिय कैडर था, बल्कि स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य (एसएसी) का प्रतिष्ठित पद भी रखता था. इसके अलावा, उन्होंने भारत में प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के प्रकाशन ‘लाल चिंगारी’ पत्रिका के मुख्य संपादक का पद भी संभाला था. उन्होंने स्वयं उक्त पत्रिका की सॉफ्ट प्रतियां विभिन्न राज्यों में सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों को आपूर्ति की थी. एनआईए ने बताया कि रूपेश की भूमिका इससे भी आगे तक विस्तारित थी. उन्होंने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से सीपीआई माओवादी के बैनर तले माओवादी कैडरों को समर्थकों को एकजुट करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
माओवादी शिविर में बैठकों में शामिल हुए थे रूपेश
एनआईए की जांच से यह भी पता चला कि रूपेश कुमार सिंह चकरबंधा में माओवादी के शिविर में बैठकों में शामिल हुए थे. इन सभाओं के दौरान, उन्होंने माओवादी के वरिष्ठ कैडरों के साथ लेवी के संग्रह, नए सदस्यों की भर्ती और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों की खरीद के अपने नापाक और गैरकानूनी उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की साजिश रची, जिसका स्पष्ट उद्देश्य माओवाद को मजबूत करना था.इस मामले में जांच जारी है.
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