Chaibasa: चाईबासा जंगल से 10.50 लाख कैश, वॉकी-टॉकी और जिलेटिन बरामदगी मामले में एनआईए ने केस दर्ज किया है. एनआईए ब्रांच रांची ने चाईबासा जिला के टोंटो थाना में 24 मार्च 2024 को दर्ज केस को टेकओवर करते हुए आरसी 02/2024 मामला दर्ज किया है. इस मामले में एनआईए ने एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अजय महतो उर्फ बुधराम, अपटन, राजेश देवगम तथा मुठभेड़ में मारे गए कांडे उर्फ दिरिसुम को आरोपित बनाया गया है.
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जानें क्या है पूरा मामला
यह मामला चाईबासा जिला के टोंटो थाना क्षेत्र से हुसिपी और राजाभासा गांवों के बीच जंगल का है. जहां एसपी आशुतोष शेखर के निर्देश पर सर्च अभियान के दौरान 10.50 लाख रुपये,वाकी-टॉकी, टेबलेट, पावर बैंक, रेडियो सेट, लेवी बरामदगी की रसीद, जिलेटिन स्टीक, नेक बैंड बरामद किया था. सभी रुपये और सामान प्लास्टिक के जार में रखकर जमीन के भीतर छिपाए गए थे.
एनआईए के अनुसार, माओवादी उन रुपयों से अपने नक्सली संगठन का विस्तार करते और सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी हथियार व विस्फोटक क्षमता को बढ़ाते थे. इससे पहले सुरक्षा बलों ने उसे बरामद कर लिया था.
नक्सली राजेश देवगम ने बताया था लेवी के रुपयों का पता
एनआईए ने दर्ज प्राथमिकी में लिखा है कि पश्चिम सिंहभूम के टोंटो थाना क्षेत्र से वर्ष 2023 में एक नक्सली राजेश देवगम पकड़ा गया था. अपनी गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि टोंटो थाना क्षेत्र के ही हुसिपी व राजाबासा गांव के बीच जंगल में एक पहाड़ी के पास लगभग दस लाख रुपये व अन्य सामान हैं.
ये रुपये एक करोड़ के इनामी माओवादी मिसिर बेसरा ने माओवादियों के स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य 25 लाख के इनामी अजय महतो उर्फ बुधराम, अपटन, कांडे को दिया था. इसकी सुरक्षा व निगरानी की जिम्मेदारी राजेश देवगम को दी गई थी. उन सभी सामान को राजेश देवगम ने जमीन में छिपाया था.
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