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7 डिसमिल भूमि के मुआवजे के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट रहे नीलकमल

Ranchi: आम तौर पर यह सुनने को मिलता है कि कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगा-लगाकर लोगों के पसीने छूट जाते हैं. लेकिन अब अंचल कार्यालय और वहां के पदाधिकारियों की कार्यशैली से अंचल कार्यालय की छवि भी वैसी ही बनती जा रही है. रांची के करकट्टा गांव के रहने वाले नीलकमल मुंडा अपनी सात डिसमिल जमीन के मुआवजे के लिए कांके अंचल कार्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक पिछले एक वर्ष से ज्यादा समय से चक्कर लगा रहे हैं. इसे भी पढ़ें- जेआरटी">https://lagatar.in/tata-steel-ita-under-18-tennis-championship-begins-at-jrt-tata-sports-complex/">जेआरटी

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क्या है मामला

दरअसल, नीलकमल मुंडा की सात डिसमिल खतियानी जमीन कांके-पिठोरिया सड़क चौड़ीकरण में चली गई. जब उन्होंने सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे के लिए अंचल कार्यालय में आवेदन दिया, तो पहले अंचल अधिकारी दिवार प्रसाद ने कहा कि खुद जाकर स्थल निरीक्षण करेंगे. लेकिन लगभग 6 महीने बीत जाने के बाद अचानक उन्होंने आवेदक को यह कहा कि यह काम कर्मचारी का है, और स्थल निरीक्षण के लिए संबंधित कर्मचारी जाएंगे. इन सारी प्रक्रिया में लगभग 8 महीने का वक्त बीत गया. नीलकमल तब से अबतक सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं. इसे भी पढ़ें- छठ">https://lagatar.in/corona-vaccination-will-be-arranged-around-chhath-ghats-mega-camp-will-be-held-on-november-15/">छठ

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