Nirsa : माले के राज्य कमिटी सदस्य नागेंद्र कुमार ने बुधवार 2 फरवरी को बातचीत में कहा कि लच्छेदार शब्दों की बाजीगरी और भ्रामक बातों से युक्त मोदी सरकार का केंद्रीय बजट 2022-23 कोरोना से लेकर बेरोजगारी, महंगाई, आय और मजदूरी में भारी गिरावट की मार झेल रहे देश के मेहनतकश अवाम पर एक और मार है. उन्हें इस संकट और पीड़ा के दौर से निकालने की बजाये बजट उनकी ही जेब काटने वाला साबित हुआ है. जब आम जन ‘‘विष काल’’ में तबाह हो रहा है और मोदी सरकार इसे ‘अमृत काल’ कह कर करोड़ों पीड़ितों का उपहास कर रही है. यह बजट अवश्य ही कॉरपोरट घरानों और अति-धनिकों के लिये ‘‘अमृत’’ है, जिनके लिये कॉरपोरेट टैक्स को लगातार घटाकर अधिकतम 15 प्रतिशत कर दिया गया है और निजीकरण की मुहिम को और अधिक तेज कर दिया है. उन्होंने कहा कि बजट में व्यापक आबादी वाले हिस्से किसान-मजदूरों की लम्बे समय से चली आ रही मांगों और आंदोलन को दरकिनार कर दिया गया है. सबसे पीड़ित असंगठित व प्रवासी मजदूरों से लेकर आशा व अन्य स्कीम समेत फ्रंटलाइन वर्कर्स को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है. करीब 8 साल पहले हर साल दो करोड़ रोजगार देने के वायदे से शुरू करने वाली मोदी सरकार ने 20 करोड़ से अधिक रोजगार नष्ट कर दिये हैं. अब इस बजट में ‘गतिशक्ति’ योजना के जरिये सिर्फ 60 लाख रोजगार देने की बात कर रही है, और वो भी कब तक पता नहीं. बजट करोड़ों बेरोजगारों के लिये बुरा सपना है, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है. किसानों की आय 2022 में दोगुना करने की बात तो दूर, एमएसपी पर कानूनी गारंटी की बात तो दूर, उल्टे बजट में एमएसपी को बजटीय आवंटन घटा कर कमजोर कर दिया गया है. वित्त मंत्री के अनुसार अगले 25 साल के विजन का बजट महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी, असमानता बढ़ाने वाला है. देश के मजदूर वर्ग और समस्त आम जनों को इस बजट का एकजुट होकर विरोध करना होगा. यह भी पढ़ें : निरसा">https://lagatar.in/nirsa-in-4-70-lakh-robbery-case-barakar-police-asked-businessmen-to-install-cctv/">निरसा
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निरसा : केन्द्रीय बजट जेब काटने वाला, आम जन को कुछ नहीं : भाकपा माले

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