Nirsa : बीसीसीएल सीवी एरिया दामागोड़िया के विस्थापितों ने नियोजन की मांग को लेकर महिलाओं और दुधमुंहे बच्चों के साथ क्षेत्रीय कार्यालय का गेट जाम कर दिया. फलस्वरूप दर्जन भर अधिकारी बंधक बने रहे. सीआईएसएफ के आग्रह के बाद भी विस्थापित गेट से किसी को बाहर नहीं जाने दे रहे थे. अंततः अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को बुलाया. पुलिस के समझाने-बुझाने पर सभी गेट से हट गए.
क्या है मामला
दामागोड़िया परियोजना के लिये प्रबंधन ने करीब 40 लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया था. विस्थापितों का कहना है कि प्रबंधन ने मात्र 12 विस्थापितों को 5 वर्ष पूर्व मेडिकल करा कर छोड़ दिया. अभी तक किसी को नौकरी नहीं मिली है. धरना स्थल पर सचिन गोप की पत्नी ज्योत्सना गोप एवं उसकी दो माह की पुत्री समृद्धि, आरती मुर्मू एवं उसकी दो वर्ष की पुत्री के साथ सभागार के चौखट पर डटी रही.
बच्चों को गेट पर लिटा कर गेट पर डटी महिलाएं
बच्चों को गेट पर ही लिटा दिया था. विस्थापित शिशिर पाल, अनंत रजवार, सुखदेव गोप, विमल दत्ता, दयामय मंडल सहित 40 विस्थापित भी डटे रहे. महाप्रबंधक एके दत्ता एवं क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक राहुल मंडल को छोड़ सभी अधिकारी अंदर फंसे रहे. सीआईएसएफ के निरीक्षक एसके राय दलबल के साथ मौजूद थे. कार्यालय में अफरातफरी का माहौल बन गया था. जानकारी हो कि एक सप्ताह पूर्व महाप्रबंधक ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था.
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