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निरसा : मृतक के परिजनों को दें 15 -15 लाख : दीपांकर

Nirsa : प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अवैध उत्खनन के दौरान गिरे गोपीनाथपुर कोलियरी ओसीपी के मलबे से 5 शव निकाले गए. मृतक के आश्रितों को सरकार एवं प्रशासन की ओर से कम से कम 15 लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए. घायलों के इलाज की व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी चाहिए. परंतु जो सूचना मिल रही है, उसके अनुसार घायलों का हाल समाचार भी लेना प्रशासनिक अधिकारियों ने उचित नहीं समझा. उक्त बातें भाकपा माले के केंद्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने गुरुवार को पत्रकारों से कहीं. वह गुरुवार 3 फरवरी को गोपीनाथपुर कोलियरी के बंद ओसीपी में अवैध खनन के दौरान 6 लोगों की मौत की जानकारी पाकर घटनास्थल पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि जब से कोलियरियों मैं आउटसोर्सिंग कंपनियों के जरिये उत्पादन शुरू हुआ है, तब से राष्ट्रीय संपत्ति की चोरी में बढ़ोतरी शुरू हुई है. वर्तमान केंद्र सरकार एवं कोयला मंत्रालय कोयला खदानों का निजीकरण करना चाह रही है, जिससे कोयला चोरी एवं भ्रष्टाचार को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा. प्रशासनिक और एसपीएल के अधिकारियों के समक्ष शव निकाले गए. अब उनकी मौत को प्रमाणिक मानते हुए परिजनों को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. उनकी पार्टी शुरू से मांग करती रही है कि कोयला चोरी में जो बड़ी मछलियां हैं, उन पर कार्रवाई नहीं होती. परंतु जो लोग पेट की आग बुझाने के लिए मौत के मुंह में समाते हैं, उन पर प्रशासनिक कार्रवाई होती है. पुलिस बड़ी मछलियों पर नकेल कसे.

    50 रुपये बोरी मंडी में हो जाता है 16 हजार रुपये टन  

गरीब लोग अपने पेट की आग बुझाने के लिए मौत के मुहाने में घुसकर एक बोरी कोयला लाते हैं तो कोयला तस्कर उन्हें ₹50 रुपये देता है, परंतु वही संगठित कोयला तस्करों द्वारा जब मंडियों में भेजा जाता है तो 16 हजार रुपये टन भेजते हैं. इस कारोबार में मरते गरीब मजदूर हैं परंतु मालामाल सफेदपोश लोग होते हैं. राज्य में राष्ट्रीय संपत्ति की लूट में राज्य के आला प्रशासनिक अधिकारियों की सीधी मिलीभगत है. इससे फायदे का हिस्सा राजनेताओं, संबंधित कंपनी के प्रबंधक, सीआईएसएफ सभी को मिलता है. जब उनसे पूछा गया कि निजी कोयला कंपनियों से एक छटाक भी कोयला चोरी क्यों नहीं होता, तो उन्होंने जवाब दिया कि वहां प्रबंधन एवं सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले पर जिम्मेवारी तय रहती है. परंतु यहां प्रबंधन, ईसीएल की सिक्योरिटी एवं सीआईएसएफ स्वयं स्वयं चोरी कराते हैं. उन्होंने कहा कि अवैध खनन में मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर शुक्रवार को वह राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर बात करेंगे. मौके पर घटवार आदिवासी महासभा के सलाहकार रामाश्रय प्रसाद सिंह, सीएमडब्ल्यू के केंद्रीय अध्यक्ष उपेंद्र सिंह, कृष्णा सिंह,जगदीश शर्मा, मनोरंजन मलिक, हरेंद्र सिंह, संजीत राउत, बीसीकेयू के आगम राम, कार्तिक दत्ता आदि मौजूद थे. यह भी पढ़ें : बाघमारा">https://lagatar.in/baghmara-the-dead-body-of-a-newborn-girl-found-in-joria/">बाघमारा

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