alt="" width="300" height="168" /> जर्जर स्थिति में वीरान पड़ा मॉडल शौचालय[/caption] नगर परिषद के सिटी मैनेजर मुकेश निरंजन से जानकारी ली गई तो उन्होंने सीधे कह दिया कि शौचालय सुचारू रूप से चल रहा है, जबकि तस्वीरें असली हालात बयां करने के लिए काफी हैं. सभी सामुदायिक शौचालयों में ताला लटका साफ देखा जा सकता है. पूर्व पार्षद प्रोफेसर अरुण कुमार ने बताया कि शौचालय निर्माण में जनप्रतिनिधियों ने पैसे की बंदरबाट की है और क्षेत्र की जनता खुद को छला हुआ महसूस कर रही है. बोर्ड की बैठक में उनकी धर्मपत्नी सह पार्षद भारती देवी ने कई बार आवाज उठाई, परंतु सुना नहीं गया. इसके लिए सारे जनप्रतिनिधि और अफ़सर जिम्मेवार हैं. उन्होंने जांच की मांग की. स्थानीय दुकानदार अमरनाथ शर्मा कहते हैं कि जब से शौचालय बना है, तब से बंद है. पिछले चार वर्षों से यही हाल है. शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि इस्तेमाल नहीं होने के कारण शौचालय की टंकी के साथ कई जरूरी चीजों की चोरी हो गई है. लोगों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े इन शौचालयों के जीर्णोद्धार की प्रतीक्षा है, पता नहीं होगा भी या नहीं. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-only-weak-children-will-be-happy-with-love-and-good-care/">धनबाद
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