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राहुल के आरोपों पर निशिकांत का पलटवार, बोले- देशद्रोह तो आपकी ही विरासत है

New Delhi :  ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश देश में सियासी सरगर्मी तेज है. जहां केंद्र की मोदी सरकार इस सैन्य कार्रवाई को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा निर्णायक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, इस पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. शुक्रवार को निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक आधिकारिक दस्तावेज साझा करते हुए कहा कि 1991 में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य पारदर्शिता को लेकर एक समझौता हुआ था. इसके तहत दोनों देश किसी भी सैन्य अभ्यास या सैन्य गतिविधियों की पूर्व जानकारी एक-दूसरे से साझा करने पर सहमत हुए थे. https://twitter.com/nishikant_dubey/status/1925721372304519379

देशद्रोह की बात करने से पहले इतिहास पढ़िए : दुबे दुबे ने लिखा कि जिसे आप आज देशद्रोह बता रहे हैं, वह आपकी ही पार्टी की सरकार द्वारा शुरू किया गया था. 1991 में कांग्रेस समर्थित सरकार ने यह समझौता किया था कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे को सैन्य गतिविधियों की सूचना देंगे. अगर यही देशद्रोह है, तो इसकी शुरुआत भी कांग्रेस ने ही की थी. बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि यह समझौता 1992 में दिल्ली में बैठक के बाद रैटिफाई किया गया था, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सवाल पूछने से पहले राहुल गांधी को अपने दल का इतिहास पढ़ना चाहिए. कांग्रेस पर `पाकिस्तानी वोट बैंक` का आरोप एएनआई से बातचीत में निशिकांत दुबे ने कहा कि 1947 से हम पाकिस्तान को एक आतंकी राष्ट्र मानते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस हमेशा उससे नर्मी बरतती रही है , फिर चाहे वह नेहरू-लियाकत समझौता हो, सिंधु जल संधि या शिमला समझौता. कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी है. उन्होंने दावा किया कि 1991 और 1994 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच जो सैन्य जानकारी साझा करने का समझौता हुआ, वह भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक था. दुबे ने कहा कि इस समझौते में सेना, नौसेना और वायुसेना की तैनाती और गतिविधियों तक की जानकारी साझा करने की बात थी. क्या यह देशद्रोह नहीं है? एफआईआर दर्ज करने की मांग बीजेपी नेता ने मांग की कि इस समझौते में शामिल लोगों और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पूरे मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

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