Ranchi: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को देखते हुए भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस से जुड़े मामलों का त्वरित समाधान करें. राज्य के चीफ सेक्रेट्री को सभी पक्षों के साथ बैठक कर इन मुद्दों के समाधान का निर्देश दें, ताकि समय पर प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकें. केंद्रीय मंत्री ने खासकर वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस वे की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है. कहा है कि कुड़ू-उदईपुरा पैकेज का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इसकी वजह फॉरेस्ट क्लीयरेंस और जमीन अधिग्रहण का नहीं होना है. कई प्रोजेक्ट फॉरेस्ट क्लीयरेंस , मुआवजा और जमीन अधिग्रहण के कारण रूके हुए हैं.
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झारखंड में 15 हाइवे प्रोजेक्ट काम प्रभावित
झारखंड में 15 हाइवे प्रोजेक्ट का काम फॉरेस्ट क्लीयरेंस के कारण प्रभावित हो रहा है. इस सभी परियोजनाओं की लागत 21 हजार 690 करोड़ है. 588 किलोमीटर लंबी सड़क के 172 किलोमीटर लंबाई में फॉरेस्ट क्लीयरेंस का पेंच फंसा हुआ है. कुड़ू से उदयपुरा(लातेहा), उदयपुरा से भोगू सेक्शन(लातेहार), भोगू से शंखा (पलामू) और बासुकीनाथ से देवघर( देवघर) के बीच फॉरेस्ट क्लीयरेंस का पेंच फंसा हुआ है. वहीं वाराणसी कोलकाता एक्सप्रोस वे के तहत चतरा बाईपास(चतरा), देवरिया से दोनोरेशान(चतरा-हजारीबाग), दोनोरेशान से बोंगाबार पैकेज( हजारीबाग-रामगढ़). बोंगाबार से लेपो पैकेज( रामगढ़-बोकारो), लेपो से कमलापुर पैकेज( बोकारो) में फॉरेस्ट क्लीयरेंस का पेंच फंसा है. वहीं नई सड़क परियोजना के तहत देवघर बाईपास, गुमला बाईपास, केरेटया से क्योंदपानी, क्योंदपानी से लतरा और लतरा से सीठियो के बीच फॉरेस्ट क्लीयरेंस का पेंच फंसा हुआ है.
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