Ranchi : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (DSPMU) के लगभग 3,000 छात्र अब भी छात्रवृत्ति से वंचित हैं. 22 मई को आदिवासी छात्र संघ के नेतृत्व में छात्रों ने डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (DSW) डॉ. सर्वोतम कुमार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था.प्रदर्शनकारियों ने डॉ. कुमार को पैदल मार्च कराते हुए कचहरी स्थित कल्याण विभाग कार्यालय तक पहुंचाया था.
हालांकि एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी छात्रों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति की राशि नहीं पहुंची है .छात्रों का कहना है कि प्रशासन केवल आश्वासन दे रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.प्रदर्शन के दौरान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि यदि
विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें औपचारिक पत्र प्राप्त होता है, तो एक सप्ताह के भीतर समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. लेकिन न तो विश्वविद्यालय की ओर से कोई पत्र भेजा गया और न ही किसी तरह की प्रगति दिखाई दे रही है.
छात्रों ने बताया कि वे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. आने वाले सेमेस्टर की फीस जमा करने की अंतिम तिथि नजदीक है और यदि समय रहते छात्रवृत्ति नहीं मिली, तो वे अगली कक्षा में नामांकन नहीं करा पाएंगे.
जब छात्रों ने इस विषय पर DSW डॉ. कुमार से संपर्क किया, तो उन्होंने सारी जिम्मेदारी कल्याण विभाग पर डालते हुए कहा कि यह गलती विश्वविद्यालय की नहीं, बल्कि कल्याण विभाग की है. वहीं कल्याण विभाग का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय की ओर से आधिकारिक पत्र नहीं मिलेगा, वे कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठा सकते.
प्रशासन को दी आंदोलन की चेतावनी
आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष कार्यकर्ता दया बहुरा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर उग्र आंदोलन किया जाएगा.
छात्रों का गुस्सा अब प्रशासन की उदासीनता को लेकर बढ़ता जा रहा है. उनका सवाल है कि आख़िर कब तक हम सिर्फ़ आश्वासन पर ही निर्भर रहेंगे.