- भूमि विवाद में युवक ने उठाया कदम, आम रास्ता रोकने की शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई
- न्याय नहीं मिलने और मामले को लटकाने का लगाया आरोप
- दो बार नोटिस किया जा चुका है, थाने को भी दी गई है सूचना : सीओ
क्या कहते हैं सीओ
घटना के वक्त सीओ कार्यालय में मौजूद नहीं थे. दूरभाष पर उन्होंने बताया कि वह पूरी जानकारी लेकर स्थिति स्पष्ट कर पाएंगे. सीओ ने यह भी बताया कि अगर मारपीट की किसी भी प्रकार की घटना हुई है, तो पीड़ित पक्ष को थाने जाना चाहिए. कार्यालय में ताला लगाकर सरकारी कार्य बाधित करना दंडनीय अपराध है. सीओ कार्यालय के अनुसार पीड़ित पक्ष के आवेदन के आधार अतिक्रमणकारी को दो बार नोटिस किया गया है. थाने को भी उचित कार्रवाई के लिए सूचित किया गया है. जिला भू-अर्जन कार्यालय के सत्यापन के बाद 19 जुलाई को भी अतिक्रमणकारी को नोटिस करते हुए थाना प्रभारी को उचित कार्रवाई के लिए सूचित किया गया है. मामले के संबंध में दूसरे पक्ष से संपर्क करने का प्रयास किया गया, परंतु मोबाइल नहीं लगा. वहीं थाना प्रभारी से फोन से बात करने का प्रयास किया गया, परंतु कॉल रिसीव नहीं होने के कारण बात नहीं हो सकी. इसे भी पढ़ें : सीएम">https://lagatar.in/cm-should-tell-under-which-planning-policy-26001-posts-will-be-appointed-bhanu-pratap-shahi/">सीएमबताएं किस नियोजन नीति के तहत 26001 पदों पर होगी नियुक्ति- भानु प्रताप शाही [wpse_comments_template]
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