इसे भी पढ़ें-‘लाश’">https://lagatar.in/bjp-leader-does-politics-on-dead-body-ajay-nath-shahdev/18433/">‘लाश’
पर राजनीति करते हैं भाजपा नेता- अजय नाथ शाहदेव
पांच साल तक चला मामला
झारखंड विधानसभा का चुनाव 2014 में संपन्न होने के तत्काल बाद झाविमो के छह विधायक अमर कुमार बाउरी, गणेश गंझू, जानकी प्रसाद यादव, आलोक चौरसिया, रणधीर सिंह और नवीन जायसवाल भाजपा में शामिल हो गये थे. उन्होंने झाविमो के भाजपा में विलय और विधिवत कानूनी तौर पर भाजपा में शामिल होने का दावा किया. तत्कालीन झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने इन सभी के खिलाफ दल-बदल का आरोप लगाते हुए विधानसभा अध्यक्ष से दल बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता खत्म करने की अपील की. झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण में चार साल से ज्यादा दिनों तक मामला चला. दोनों पक्ष की ओर से कई दर्जन गवाह पेश किये गये. अंत में जब चौथी विधानसभा की अवधि समाप्त होने वाली थी, तब फरवरी 2019 में स्पीकर ने दल-बदल करने वाले विधायकों के पक्ष में फैसला सुना दिया.इसे भी पढ़ें-Bigg">https://lagatar.in/bigg-boss-14-rakha-is-crying-and-she-is-ready-to-cut-her-hand-for-abhinav/18437/">Bigg
Boss 14: रो-रो कर हुआ बुरा हाल, अभिनव के लिए हाथ काटने को तैयार राखी
इस बार फिर कानूनी दांव-पेंच हुआ शुरू
विधानसभा चुनाव दिसंबर 2019 में संपन्न होने के बाद, पांचवीं विधानसभा का गठन हुआ. झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार बनी. झाविमो से इस बार तीन विधायक चुनकर आये. जनवरी में झाविमो का भाजपा में विलय हो गया. जबकि झाविमो के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को पार्टी से एक-एक कर निष्कासित कर दिया गया. इसके पहले पार्टी प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने झाविमो कार्यसमिति बैठक बुलायी. सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की गयी. झाविमो का भाजपा में विलय कराया गया. चुनाव आयोग ने भी राज्यसभा के चुनाव के पहले विलय को मान्यता दे दी. झाविमो के पार्टी सिंबल को फ्रीज कर दिया गया. प्रदीप यादव व बंधु तिर्की ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. राज्यसभा चुनाव में चुनाव आयोग की अनुशंसा पर बाबूलाल मरांडी को भाजपा सदस्य के रूप वोटिंग करायी गयी. भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुना. इन सभी बातों की जानकारी झारखंड विधानसभा सचिवालय को दी गयी, लेकिन मामला एक बार फिर कानूनी दांव-पेंच में फंस गया है. इसे भी देखें-विधानसभा ने दल-बदल का भेजा नोटिस
वर्तमान में झामुमो के नेतृत्व में कांग्रेस व राजद के साथ यूपीए का शासन है. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने झाविमो के भाजपा में विलय को मान्यता नहीं दी. बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष का नेता नहीं माना. इस मामले में स्पीकर ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सात महीने के बाद बाबूलाल मरांडी को दल-बदल का नोटिस भेजा. हाल में झामुमो और कांग्रेस के विधायकों की शिकायत पर फिर से बाबूलाल को नोटिस भेजा गया है. मामला सुप्रीप कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है. कोर्ट की रोक के कारण फिलहाल विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई शुरू नहीं हुई है. यानी मामला अभी चलेगा.हकीकत पर भारी कानूनी दांव-पेंच
पहला दल-बदल का मामला भाजपा के शासनकाल का था. झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण के ‘पंच परमेश्वर’ यानी तत्कालीन स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले पर आमलोग भी अचंभित हुए. गवाह और दस्तावेजों के बल पर फैसला विधायकों के पक्ष में गया हो, लेकिन लोग हकीकत से वाकिफ थे. इसलिए फैसले की आलोचना हुई और इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया गया. इतिहास एक बार फिर खुद को दोहराने के लिए तैयार हो रहा है. इस बार यूपीए (झामुमो, कांग्रेस व राजद) की सरकार है. झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण के ‘पंच परमेश्वर’ यानी स्पीकर रवींद्र नाथ महतो की भूमिका पर सभी की नजर टिकी हुई है. इस बार भी लोग हकीकत से वाकिफ हैं. किस तरह राज्य के शीर्ष संवैधानिक संस्था में मामलों को कानूनी-दांव पेंच का अमलीजामा पहनाया जा रहा है, वह देख रहे हैं. इस बार तो झारखंड हाईकोर्ट का हस्तक्षेप हो गया है. कोर्ट का क्या रुख रहेगा, इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है.इसे भी पढ़ें-राज्यपाल">https://lagatar.in/dharmendra-pradhan-meets-governor-and-chief-minister/18409/">राज्यपाल
और मुख्यमंत्री से मिले धर्मेंद्र प्रधान
स्पीकर का विवेक राजनीतिक होता हैः भोक्ता
दसवीं अनुसूची को राजनीतिज्ञों ने फुटबॉल बना दिया है. जिसका जैसा स्वार्थ, उसके अऩुसार दसवीं अऩुसूची की व्याख्या की जाती है. विधानसभा अध्यक्ष के पास दसवीं अनुसूची में असीमित पावर है. निर्णय उसके विवेक पर निर्भर करता है. कहने-सुनने में अच्छा लगता है कि स्पीकर स्वतंत्र होते हैं, लेकिन यह हकीकत नहीं है. वह अपनी पार्टी के मुखिया और सिद्धांत को नहीं छोड़ सकता है. ऐसी स्थित में दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का विवेक राजनीतिक होता है. -शशांक शेखर भोक्ता, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, झारखंड

Leave a Comment