Mumbai : मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज और गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह भले ही एक दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हों, लेकिन वे एक बात पर सहमत हैं कि वे एक दूसरे के कर्मचारियों को नौकरी नहीं देंगे. खबर है कि दोनों ने नो पोचिंग एग्रीमेंट साइन किया है. इस एग्रीमेंट के तहत अब दोनों कंपनियां एक-दूसरे के कर्मचारियों को अपनी कंपनियों में नौकरी नहीं दे पायेंगी. जानकारी के अनुसार यह समझौता दोनों अडानी ग्रुप और रिलायंस ग्रुप के सभी व्यवसायों पर लागू होगा.
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पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में रिलायंस ग्रुप बादशाह माना जाता है
अब यह साफ हो गया है कि रिलायंस ग्रुप की किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को अडानी ग्रुप में और अडानी ग्रुप के किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को रिलायंस ग्रुप के किसी कंपनी में नौकरी नहीं मिलेगी. सबसे अहम बात यह है कि दोनों बड़े कारोबारी समूह अब एक दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं. पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में रिलायंस ग्रुप बादशाह माना जाता है, लेकिन पिछले वर्ष अडानी समूह ने अडानी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के साथ पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में प्रवेश करने की घोषणा की. वहीं डेटा सेवाएं जहां पर रिलायंस की बड़ी उपस्थिति है, वहां भी अडानी ग्रुप ने 5G स्पेक्ट्रम की बोली लगाकर प्रवेश की घोषणा की.
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भारत में नो पोचिंग एग्रीमेंट हमेशा एक प्रथा के रूप में रहा है.
बता दें कि भारत में नो पोचिंग एग्रीमेंट हमेशा एक प्रथा के रूप में रहा है. यह भारत में तेजी से प्रचलित हो रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत में टैलेंट के लिए खोज बढ़ती जा रही है और इसके लिए लागत भी बढ़ रही है और बढ़ती लागत कंपनियों के लिए एक जोखिम है. दोनों समूहों के साथ काम करने वाली एक वैश्विक कार्यकारी खोज फर्म के एक वरिष्ठ पेशेवर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ये समझौते हमेशा से मौजूद रहे हैं और लेकिन अनौपचारिक रूप से. कोई भी नो पोचिंग एग्रीमेंट तब तक वैध नहीं है, जब तक कि वे किसी व्यक्ति के रोजगार पाने के अधिकार को सीमित करते हैं.
अडानी समूह पेट्रोकेमिकल्स और एंटरप्राइज ब्रॉडबैंड स्पेस में भी परीक्षण कर रहा है
जान लें कि अडानी समूह की रिन्यूएबल ऊर्जा, बिजली उत्पादन और वितरण, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सौर और प्राकृतिक संसाधनों में रुचि है. अडानी समूह पेट्रोकेमिकल्स और एंटरप्राइज ब्रॉडबैंड स्पेस में भी परीक्षण कर रहा है, जिसके लिए उसने हाल ही में संपन्न नीलामी में 212 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम हासिल किया है. वहीं Reliance Jio Infocomm 426 मिलियन के सब्सक्रिप्शन बेस के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर है और 5G स्पेक्ट्रम के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाले के रूप में पहचान बनायी है.