डुमरी से मंत्री बेबी देवी के ‘इंडिया’ का उम्मीदवार बनने से 4 दशक बाद टूट सकता है मिथक
Abhay verma
Giridih : वर्ष 1980 में कांग्रेस की उर्मिला देवी गिरिडीह जिले की पहली महिला विधायक बनी थीं. करीब चार दशक बीतने के बाद भी गिरिडीह में कोई दूसरी महिला विधायक नहीं बन पाई. 1980 के विधानसभा चुनाव में नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष सह कांग्रेस के उम्मीदवार रहे रणधीर प्रसाद के आकस्मिक निधन के बाद उनकी पत्नी उर्मिला देवी को विधानसभा का टिकट मिला और उन्हें जीत भी मिली. रणधीर प्रसाद की मौत हत्या थी या हादसा यह आज भी रहस्य है. उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि उर्मिला देवी को शानदार जीत मिली. तब से लेकर अब तक जिले की किसी दूसरी महिला ने विधानसभा की दहलीज पार नहीं की. जिले की डुमरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में यह मिथक टूटने के कयास लगाए जाने लगे हैं. क्योंकि राज्य उत्पाद मंत्री बेबी देवी झामुमो (इंडिया) की उम्मीदवार होंगी.
बेबी देवी की उम्मीदवारी के बाद जिले से दूसरी महिला विधायक का मिथक टूटेगा या बरकरार रहेगा यह चुनाव परिणाम के बाद ही साफ होगा, लेकिन 1980 और 2023 के चुनाव में एक समानता यह है कि दोनों महिलाओं को राजनीति की विरासत पति की मौत के बाद मिली है. पहले रणधीर प्रसाद की मौत के बाद उर्मीला देवी गिरिडीह की विधायक बनीं और अब डुमरी के विधायक और राज्य के मंत्री रहे जगरनाथ महतो की मौत के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी मंत्री बनीं और उपचुनाव में इंडिया की उम्मीदवार हैं.
आजसू की यशोदा देवी पर एनडीए खेल सकता है दांव
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डुमरी उपचुनाव में एनडीए ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, पर मिल रही जानकारी के अनुसार आजसू की यशोदा देवी के नाम पर एनडीए की सहमति लगभग बन गई है. ऐसे में इंडिय गठबंधन के घटक झामुमो की बेबी देवी और एनडीए की यशोदा देवी के बीच ही हार जीत का फैसला होना है. दो महिलाओं के बीच संभावित घमासान से जिले में महिला विधायक का सूखा खत्म होने की उम्मीद है.
जिले से कई महिलाएं आजमा चुकी हैं किस्मत
जिले की 6 विधानसभा सीटों पर समय-समय पर कई महिलाएं अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा चुकी हैं, पर उर्मिला देवी के बाद किसी दूसरी महिला को अभी तक जीत का स्वाद नहीं मिला है. नगर निगम की पूर्व अध्यक्ष पूनम प्रकाश भाजपा के टिकट पर गांडेय विधानसभा सीट से किस्मत आजमा चुकी हैं, पर उन्हें करारी हार मिली थी. इसी प्रकार गिरिडीह विधानसभा सीट से कांग्रेस महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष रूमा सिंह और इंडियन आइडल फेम पूजा चटर्जी बगोदर से कांग्रेस की उम्मीदवार बनी थी और दोनों महिला प्रत्याशियों को 4000 वोट भी नसीब नहीं हुआ था. विगत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं डॉ. कंचन कुमारी चुनाव से 2 दिन पहले तक जीत की दहलीज पर खड़ी थीं. लेकिन बाजी पलट गई और डॉ. कंचन विधायक बनने से वंचित रह गईं.
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