: नक्सलियों ने सोनुआ में की पोस्टरबाजी, सीआरपीएफ कैम्प लगाने का किया विरोध
खदान में निजीकरण नहीं होगा
इसका सभी संयुक्त यूनियन, सेलकर्मी इसका पुरजोर विरोध करते है. गुवा सेल खदान में निजीकरण कभी भी नहीं होने दिया जाएगा. चाहे इसके लिए क्यों ना हमें आंदोलन करना पड़े या सेल का चक्का जाम करना पड़े. सेल में निजीकरण होने से सेल में होने वाली बहाली पूरी तरह से बंद हो जाएगी. यहां के स्थानीय को रोजगार नहीं मिलेगा. और सेल प्रबंधन द्वारा ऐसा करने का हम विरोध करते हैं और किसी भी हालत में एमडीओ को गुवा नहीं आने दी जाएगी. मजदूरों में अभी भी ताकत है कि इसे 10 मिलियन टन तक कर सकता है. जब मजदूरों में इतनी क्षमता है तो बाहर से बुलाकर प्राइवेट को देने की क्या जरूरत. इस आंदोलन में संयुक्त यूनियनों के पदाधिकारियों में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के रामा पांडे, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन इंटक के दुचा टोप्पो, सीटू के मनोज मुखर्जी, सारंडा मजदूर यूनियन के कुल बहादुर, सप्लाई मजदूर संघ के राजेश कोड़ा, झारखंड मजदूर संघ के पंचम जॉर्ज सोय मौजूद थे. इसे भी पढ़ें :चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-distribution-of-anti-malarial-goods-in-rural-areas/">चाईबासा: ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया रोधी सामानों का किया गया वितरण [wpse_comments_template]
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