धान की उन्नत किस्मों की खोज की थी
Hazaribagh: हजारीबाग के जाने माने कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा का गुरुवार रात करीब 1:30 निधन हो गया. बताया जाता है कि वे एक महीने से अधिक समय से बीमार थे. उनका इलाज मेडिका हॉस्पिटल में चल रहा था. डॉ. प्रमोद हजारीबाग के मासीपीढ़ी स्थित आईसीएआर, दिल्ली की अधीनस्थ संस्था केंद्रीय चावल अनुसंधान सेंटर से रिटायर हुए थे.
उन्होंने धान की कई उन्नत किस्मों की खोज की थी. इससे कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव हुआ था. इससे किसानों को काफी फायदा हुआ था. उनकी पत्नी के अलावा दो पुत्र और एक पुत्री भी चिकित्सक हैं. उनके बड़े पुत्र डॉ. अभिषेक कुमार शहर के जाने माने सर्जन हैं. फ़िलहाल दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवारत हैं. डॉ. अभिषेक कुमार की पत्नी डॉ. स्नेहलता महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक हैं. वे हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवारत हैं. इनके छोटे पुत्र डॉ. अनुव्रत हांगकांग में ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं.
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विधायक ने शोक व्यक्त किया
सदर विधायक मनीष जायसवाल ने डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को दुख की इस घड़ी में हिम्मत प्रदान करने की कामना की. विधायक ने कहा कि डॉ. प्रमोद का संपूर्ण जीवन कृषि संबंधी अनुसंधान में व्यतीत हुआ. उनके निधन समाज के लिए विशेषकर कृषि जगत और कृषकों के लिए अपूरणीय क्षति है.
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जब. ये व. उ. भू. चा. अनुसंधान केन्द्र, हजारीबाग में वैज्ञानिक थे तब वहां हमलोगों का युनियन चलता था. मजदूरों की समस्या पर कई वार्ताएं इन से हुई. जब ये प्रभारी निदेशक बने तो मजदूरों के पक्ष में कई समझौतें हुए. मैं युनियन का संयुक्त महासचिव था. साथ में कई वर्षों तक काम करने का अवसर मुझे मिला है. जिन्द दिल और नेक इंसान थें. झारखंड को कई उन्नत किस्म के घान का बीज इन्होने दिया है पर अफसोस इनका सही उपयोग झारखंड सरकार नहीं कर सकी. आश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि एवं नमन.