Ranchi : कोविड पॉजिटिव गंभीर मरीजों के इलाज के लिए रिम्स पूरे राज्यभर का टर्सरी केयर हॉस्पिटल है. यहां दूसरे जिलों से भी गंभीर मरीज भेजे जाते हैं. सीमित बेड के कारण कई बार दूसरे जिले तो दूर रांची के मरीजों को ही जगह नहीं मिल पाती. बेड की इस कमी को दूर करने के लिए रिम्स प्रबंधन लगातार प्रयास कर रहा है. अब तक सात विभागों को कोविड वार्ड बनाने के बाद सोमवार को तीन और विभाग को कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया.
सुपरस्पेशलिटी विंग के कार्डियोलॉजी विभाग, यूरोलॉजी विभाग और सीटीवीएस विभाग में मंगलवार से संक्रमित मरीजों का इलाज इलाज किया जाएगा. यहां पहले से ही ऑक्सीजन पाइपलाइन समेत अन्य संसाधन उपलब्ध हैं. ऐसे में यहां गंभीर संक्रमित मरीजों का इलाज आसानी से किया जा सकेगा. इस विंग में कोविड वार्ड बनाए जाने से यहां आईसीयू की सुविधा भी मिलेगी, जहां वर्तमान में 500 बेड में संक्रमितों का इलाज रिम्स में चल रहा है. मंगलवार को 200 अतिरिक्त बेड में मरीज भर्ती होंगे.
सुपरस्पेशलिटी विंग के मरीज दूसरे विभागों में किए जाएंगे शिफ्ट
इधर, रिम्स प्रबंधन के अनुसार, वर्तमान में इन विभागों में भर्ती सामान्य रोगियों को दूसरे विभाग में शिफ्ट किया जाएगा. अधिकांश सामान्य रोगियों को जिन्हें छुट्टी दी जा सकती थी, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्हें लगातार चिकित्सक के संपर्क में रहने की सलाह दी गई है. कोविड मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि जल्द कुछ और विभागों का चयन किया जा रहा है, जहां बेड बढ़ाए जाएंगे. मल्टीस्टोरी पार्किंग में भी 300 बेड की व्यवस्था की जा रही है.
रिम्स में 110 आईसीयू बेड स्थापित करने की जिम्मेवारी प्रेझा फाउंडेशन को
कोविड-19 में जांच प्रयोगशाला की अनिवार्यता को समझा जा चुका है. इसके बाद अब प्रेझा फाउंडेशन को राज्य के 6 अस्पतालों में लैब सेटअप करने की जिम्मेवारी दी गयी है. साथ ही प्रेझा फाउंडेशन को ही इसके संचालन और मानव बल उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी दी गई है. प्रेझा फाउंडेशन साथ ही मानव बल को प्रशिक्षित करेगा. इसके लिये प्रेझा फाउंडेशन को 29 करोड़ की राशि मुहैया करायी जाएगी, जिसके 75 फीसदी राशि का भुगतान अग्रिम किया जाएगा. इसको लेकर प्रेझा फाउंडेशन और झारखंड स्टेट मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड नामकुम के बीच एमओयू पर मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी है.
मानव बल संचालन के लिए हर महीने किया जाएगा अलग से भुगतान
लैब संचालन में जो मानव बल स्वीकृत किए जाएंगे उसके लिए प्रति महीने अलग से भुगतान किया जाएगा. साथ ही एमओयू में स्पष्ट किया गया है कि लैब का स्वामित्व राज्य सरकार के पास रहेगा और अवधि समाप्त होने के बाद नई प्रयोगशाला को संबंधित अस्पताल को सौंप देना होगा. प्रेझा फाउंडेशन को यह जिम्मेदारी दी गई है कि 6 अस्पतालों में पूर्व से उपलब्ध जो इक्विपमेंट है उनका आकलन करेगी. उसके बाद जो जरूरी सामान होंगे उनकी खरीदारी की भी जिम्मेवारी प्रेझा फाउंडेशन को ही दी गई है. जांच के लिए सभी जरूरी की आईसीएमआर या राज्य सरकार द्वारा प्रेझा फाउंडेशन को उपलब्ध कराया जाएगा.
रिम्स में 100 आईसीयू बेड के स्थापना की भी मिली जिम्मेवारी
इस एमओयू के तहत प्रेझा फाउंडेशन को रिम्स में आधारभूत संरचना को बेहतर करने की जिम्मेवारी दी गई है. साथ ही फाउंडेशन को रिम्स में 110 आईसीयू बेड के स्थापना की भी जिम्मेवारी मिली है.