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अब भोग पर सियासत, अभय के अभियान के बाद बन्ना की विनती!!!

RANJEET PRASAD SINGH Jamshedpur : जुबिली पार्क गेट पर सियासत अभी थमा ही था कि दुर्गा पूजा के दौरान भोग वितरण को लेकर शहर की सियासत गरम है. एक ओर अभय सिंह के संरक्षण वाली नागरिक सुविधा मंच के बैनर तले कल रविवार को दुर्गा पूजा समितियों की बैठक की गई. इसमें 170 दुर्गा पूजा कमिटियों के शामिल होने का दावा करते हुए अभय सिंह ने भोग बनाएंगे भी, खाएंगे भी और खिलाएंगे का नारा लगाते हुए राज्य सरकार के आदेश को नहीं मानने का ऐलान कर दिया. इसके ठीक एक दिन बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विवाद शांत करने के लिए सोमवार को ट्वीट करते हुए विनती की कि इस गतिरोध को समाप्त कर मां दुर्गा की आराधना की तैयारी करें. बन्ना गुप्ता ने अपने ट्वीट में 16 सितंबर को चीफ सेक्रेट्री सुखदेव सिंह की ओर से जारी गाइडलाइन की प्रति लगाते हुए उसके 16 नंबर के प्वाइंट को फिर से स्पष्ट किया है. इस प्वाइंट के अनुसार भोग के होम डिलिवरी पर कोई रोक नहीं रहेगी, सिर्फ सार्वजनिक भोग या भोग वितरण पर रोक रहेगी.

...तो क्या इस पर मानेंगी पूजा कमिटियां

जाहिर है 16 सितंबर को जारी इस आदेश को 18 दिन बाद ट्वीट कर मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस विवाद को शांत करने की कोशिश की है. पूजा कमिटियां भी लंबे समय से यही मांग कर रही हैं कि भोग वितरण पर रोक न लगाई जाए. अब इस गाइडलाइन का मतलब क्या निकाला जाए इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है. शब्दशः देखा जाए तो इस गाइडलाइन का अर्थ है कि पूजा कमिटियां घर-घर भोग की होम डिलिवरी कर सकती है, लेकिन वह अपने यहां भोग का वितरण नहीं कर सकती. यह व्यावहारिक तौर पर केवल सोसाइटी पूजा के लिए तो संभव है लेकिन जमशेदपुर में होने वाले बड़े पूजा पंडालों के लिए नहीं. ऐसे में यदि उन्हें अपने यहां से भोग वितरण करने की इजाजत नहीं दी जाती है, भले ही वह टोकन सिस्टम पर ही क्यों ना हो, तब तक उनके लिए भोग के होम डिलिवरी की गाइडलाइन का कोई मतलब नहीं रह जाता. ऐसे में फिलहाल स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के इस ट्वीट से गतिरोध थमता नहीं दिख रहा और पूजा कमिटियां अपने पूजा पंडाल से भोग वितरण की इजाजत देने की अपनी मांग पर कायम रहेंगी. यह संभव है कि आने वाले दिन में सरकार इस पर एक और छूट का का ऐलान करे और बन्ना गुप्ता एक और ट्वीट कर राहत की घोषणा करें, लेकिन अभी फिलहाल इस पर और सियासत होना बाकी है.

पूर्वी और पश्चिमी की सियासत का रंग

दूसरी ओर, राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो अभय सिंह और बन्ना गुप्ता के बीच चूहे-बिल्ली का खेल जारी है. नागरिक सुविधा मंच का गठन कर अभय सिंह जो भी अभियान छेड़ रहे वह जोर पकड़ते ही बन्ना गुप्ता उसे हल करने निकल आ रहे हैं. जुबिली पार्क अभियान के साथ भी ऐसा ही हुआ और अब भोग वितरण अभियान के साथ भी कुछ ऐसा ही होने का संकेत होता दिख रहा है. अब पश्चिमी और पूर्वी की इस सियासी खींचतान को राजनीतिक चश्मे से देखा जाए तो कई मायने निकल सकते हैं. फिलहाल नागरिक सुविधाआंे, जनभावनाओं और आस्था के बीच राजनीतिक छोंक का जमशेदपुर की जनता आनंद ले. [wpse_comments_template]

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