Jammu/Kashmir : जम्मू-कश्मीर से एक बड़ी खबर आयी है. खबर यह है कि G-20 देशों के मेहमान अब गुलमर्ग नहीं जायेंगे. जान लें कि G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (TWG) सम्मेलन से पहले कार्यक्रम में फेरबदल किया गया है. सूत्रों के अनुसार खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि आतंकवादी संगठनों ने गुलमर्ग में G20 की मीटिंग के दौरान 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की साजिश रची थी. बता दें कि G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप का सम्मेलन 22 से 24 मई तक श्रीनगर में आयोजित किया जा रहा है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Harsh Vardhan Shringla, Chief Coordinator, G20 Presidency speaks on the third G20 Tourism Working Group meeting which will be held from 22nd to 24th May in Srinagar. Says, “This G20 meeting will help in the revival of tourism in the valley. This will be the most… pic.twitter.com/3bd0A6gsFm
— ANI (@ANI) May 21, 2023
ड्राइवर के पकड़े जाने पर साजिश से खुलासा हुआ
सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर आतंकवादियों ने गुलमर्ग के उसी होटल को निशाना बनाने की योजना बनायी थी, जिसमें विदेशी मेहमानों को ठहराया जाना था. इसी होटल के ड्राइवर के पकड़े जाने पर पूरी साजिश से खुलासा हुआ है. इस घटना के बाद सुरक्षा बल पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं. इसके बाद विदेशी मेहमानों के मेहमानों के गुलमर्ग जाने की योजना टाल दी गयी.
विदेशी मेहमानों के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया
आतंकी हमले का खुलासा होने के बाद विदेशी मेहमानों के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया है. मेहमानों को अब प्रसिद्ध हिल रिसॉर्ट गुलमर्ग नहीं ले जाया जाएगा. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, G20 समिट में हमले की योजना आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद ने बनाई थी. Peoples Anti-Facist Force के आतंकी तनवीर अहमद राथर ने घाटी में आतंकी हमले की साजिश रची थी.
ओवर-ग्राउंड वर्कर आतंकियों की मदद करते हैं
जानकारी के अनुसार सुरक्षाबल पॉश होटल में काम करने वाले ओवर-ग्राउंड वर्कर (OGW) को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं. जी20 आयोजन स्थल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है.
OGW आतंकवादियों को रसद सहायता, नकदी, आश्रय और अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ अन्य मदद पहुंचाते हैं. इनकी मदद से जम्मू-कश्मीर में हिज्ब-उल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे सशस्त्र समूह और उग्रवादी संगठन संचालित होने की खबरें मिलती हैं.
सुरक्षा बलों ने अप्रैल में फारूक अहमद वानी को गिरफ्तार किया था
बारामूला के हैगाम सोपोर निवासी फारूक अहमद वानी गुलमर्ग के एक फाइव स्टार होटल में ड्राइवर का काम करता था. सूत्रों के अनुसार वह OGW के रूप में आतंकी संगठनों से जुड़ा था. वह सीमा पार ISI के अधिकारियों के सीधे संपर्क में भी था.पूछताछ के क्रम में वानी ने खुलासा किया कि आतंकवादियों की योजना होटल में घुस कर विदेशी गणमान्य लोगों समेत वहां मौजूद लोगों को निशाना बनाना था. यह सब मुंबई हमले की तर्ज पर करना था. बता दें कि आतंकवादियों ने ताज होटल(मुंबई) में गोलियां चलाईं और लोगों को बंधक बनाया था.
सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जा रही है
सूत्रों के अनुसार आतंकवादी कश्मीर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक साथ दो-तीन जगहों पर हमला करने की तैयारी में थे. हैं. यह देखते हुए कश्मीर,खासकर श्रीनगर में सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जा रही है.जैश के आतंकी टेलीग्राम पर एक्टिव हैं और घाटी में राजौरी जैसी आतंकी घटना को अंजाम देकर अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं. उनका मकसद G20 के दौरान अंतराष्ट्रीय पटल पर कश्मीर को मुद्दा बनाकर भारत की छवि को खराब करना है.