Ranchi : झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना को रोकने के लिए हेमंत सोरेन की सरकार ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर झारखंड भीड़- हिंसा एवं भीड़- लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 रखा, जिसे बीजेपी विधायकों के भारी विरोध के बाद पारित कर दिया गया. विधेयक के पास होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अब राज्य के सभी वर्गों के लोग अपने-अपने क्षेत्र में निर्भीक होकर अपना काम कर पायेंगे.
सभी वर्ग सौहार्दपूर्ण व शांतिपूर्ण तरीके से रहें
सदन की कार्यवाही की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आये दिन समय- समय पर राज्य में बहुत सारी घटना करती रहती है. ऐसी घटनाओं में आपराधिक घटनाएं भी शामिल हैं. राज्य के अंदर समाज के सभी वर्ग सौहार्दपूर्ण एवं शांतिपूर्ण तरीके से रहें, यह सब का दायित्व बनता है. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व जिसका ना नाम होता है ना ही पहचान, वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है और आम आदमियों को तकलीफ देता है. राज्य में शांति और भाईचारे का वातावरण बना रहे, इसलिए सरकार ने आज एक विधेयक पास किया है, जिसे झारखंड (भीड़, हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण) विधेयक 2021 के नाम से जाना जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था : आलमगीर
वहीं, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विधेयक को पास कराने के लिए सदन में प्रस्ताव रखा. सदन के बाहर आलमगीर आलम ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार ही यह विधेयक पास हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र से लेकर राज्य तक मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून बनाने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था. उन्होंने कहा कि अब तक 56 लोग इससे प्रभावित हुए हैं. कानून के बनने के बाद ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी.
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