Hazaribagh: योगेंद्र साव जेल से निकलने के बाद रविवार को हजारीबाग के हुरहुरू स्थित अपने आवास पहुंचे. यहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. बड़कागांव के पूर्व विधायक योगेंद्र साव ने ‘शुभम संदेश’ की टीम से बात करते हुए कहा कि योगेंद्र साव आंदोलन का दूसरा नाम है. समाज के लोगों के लिए आंदोलन किया और जेल गया. योगेंद्र साव चोरी, अपहरण, डकैती या बलात्कार के आरोप में जेल नहीं गया. ऐसे में यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि आने वाले समय में सिर्फ बड़कागांव में ही आंदोलन नहीं होगा, बल्कि आंदोलन का स्वरूप पूरे राज्य और देश भर में होगा.
उन्होंने कहा कि जहां भी रैयत के साथ धोखा होगा, योगेंद्र साव उस कंपनी का विरोध करेगा. मुझे इस बात का दु:ख है कि उन्होंने जो काम नहीं किया, उसका आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया. लेकिन न्यायालय पर मुझे भरोसा था और उसी भरोसे का यह परिणाम है कि वह आज आम जनता और अपने परिवार के साथ हैं. योगेंद्र साव ने कहा कि उनकी बेटी अंबा प्रसाद बड़कागांव की विधायक हैं और रात दिन बड़कागांव वासियों के लिए काम कर रही हैं.
घर पहुंचने पर उनके परिवार वालों ने आरती दिखा कर उनका स्वागत किया, तो उन्होंने घर की चौखट को प्रणाम किया. इस दौरान उनकी मां सुमित्रा देवी भी काफी भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि सात साल उन्होंने कैसे काटा है, वह सिर्फ वही जानती हैं. रात में जब भी नींद खुलती थी, तो अपने बेटे को बैठे देखती थी. आज वह घर पहुंचा है, उन्हें बहुत खुशी है. भगवान ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली, अब मां बेटा एक साथ घर में रहेंगे. उनके घर की एक महिला सदस्य कहती हैं कि नवरात्र के ठीक पहले माता रानी ने उनके परिवार को आशीर्वाद दिया. उसी का परिणाम है कि आज उनके परिवार की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी, जो पिछले सात साल से जेल में थे, वह घर लौटे हैं. अब उनके घर में खुशियां लौट आयी हैं.
बेटी दिवस की मिली सौगात : अंबा प्रसाद
विधायक प्रसाद ने कहा कि उनके पिता ने समाज के लिए आंदोलन किया है और उनके आंदोलन को वह आगे बढ़ा रही हैं. आज के दिन उनके जीवन का सबसे अनमोल पल है. उन्होंने एक वादा किया था, आज वह वादा पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि संयोग से आज बेटी दिवस है और बेटी को बड़ी खुशी मिली है. नवरात्र में अब सभी लोग सपरिवार घर में रहेंगे. इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं हो सकती. वहीं उन्होंने अपने पिता योगेंद्र साव के बयान पर कहा कि उनके पिता का कद बड़कागांव तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरा राज्य उनके आंदोलन को जानता है. योगेंद्र साव के आने के साथ ही उनके समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी किया और योगेंद्र साव जिंदाबाद के नारा गूंजता रहा. योगेंद्र साव घर में अपनी माता को प्रणाम कर सीधे मंदिर पहुंचे और देवता का आशीर्वाद लिया.
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