NewDelhi : भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल कल गुरुवार को रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग में भाग लेने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे पहुंचे. यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब सभी देशों का ध्यान रूस-यूक्रेन की ओर है. इधर भारत अपनी सुरक्षा के लिहाज से अफगानिस्तान के साथ अपने संबंध ठीक करने की कवायद में है. भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने सम्मेलन में अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के जोखिमों का मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
बैठक में पाकिस्तान का कोई प्रतिनिधि नहीं था
खबर है कि डोभाल ने दुशांबे में क्षेत्रीय समकक्षों के साथ बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की. जानकारी के अनुसार बैठक में पाकिस्तान का कोई प्रतिनिधि नहीं था. बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के भविष्य को लेकर उथल-पुथल के दौरान, पाकिस्तान के पूर्व एनएसए, मोईद यूसुफ ने अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था. सम्मेलन में ताजिकिस्तान, भारत, रूस, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, ईरान, किर्गिस्तान और चीन के एनएसए भाग ले रहे हैं.
खबरों के अनुसार दुशांबे सम्मेलन में अफगानिस्तान के कामों की समीक्षा की जायेगी. हालांकि वर्तमान में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद किये गये वादों से मुकरने का आरोप लगाया जा रहा है.
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हम सभी देशों से अच्छे संबंध सहयोग चाहते हैं
तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों को लेकर कहा था कि उन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जायेगा, लेकिन तालिबान लगातार उसका उल्लंघन कर रहा है. सम्मेलन(रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग) से पहले तालिबान ने बताया कि वे दोहा समझौते का पालन कर रहे. किसी को भी पड़ोसी और क्षेत्रीय देश के खिलाफ आतंक के लिए अफगानिस्तान की धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. अगर किसी पड़ोसी देश को कोई समस्या है तो हम शांतिपूर्ण तरीके से उसका समाधान निकालने को तैयार हैं. हम चाहते हैं अफगानिस्तान भी व्यापार का केंद्र बने. इसके लिए हम सभी देशों से अच्छे संबंध सहयोग चाहते हैं.
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50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने पर तारीफ की
तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अफगानिस्तान ने कभी दबाव की रणनीति में काम नहीं किया. तालिबान ने अब तक भारत की सुरक्षा के खिलाफ कुछ भी नहीं किया. साथ ही भारत से मदद के तौर पाकिस्तान के रास्ते जमीनी मार्ग से 50,000 मीट्रिक टन गेंहू अफगानिस्तान को भेजने पर तारीफ की. जानकारों के अनुसार भारत के लिए यह डायलॉग महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि डोभाल के दुशांबे सम्मेलन में आतंकवाद पर जोर देने की उम्मीद है कि अफगानिस्तान की जमीन का किसी भी स्थिति में पाकिस्तान में पैदा हो रहे आतंकी समूह को भारत या किसी अन्य पड़ोसी देशों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
अफगानिस्तान में मानवाधिकार के हनन को लेकर चिंता
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तालिबान को महिलाओं के अधिकारों पर सख्ती और मानवाधिकारों के हनन के लिए समझाया है. UNSC ने इस सप्ताह की शुरुआत में तालिबान से अफगान महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित करने वाली नीतियों को बदलने के लिए बोला था. साथ ही अफगानिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर भी चिंता व्यक्त की है.