NewDelhi : खबर है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन को कल गुरुवार को दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने करारा झटका देते हुए को-लोकेशन मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वह जल्द ही रहस्यमयी हिमालयन योगी के रहस्यों को सामने लाये.
रहस्यमयी हिमालयी योगी के रहस्य से उठेगा पर्दा
स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने सुब्रमण्यन की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सीबीआई और याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी. इससे पहले सीबीआई ने दावा किया कि एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण जब भी कोई बड़ा फैसला करती थीं, हिमालय का योगी(आनंद सुब्रमण्यन) उन्हें निर्देशित करता था. चित्रा उस रहस्यमयी शख्स के साथ आंतरिक मामलों को साझा करतीं थीं.
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24 फरवरी को हुआ था सुब्रमण्यन गिरफ्तार
सीबीआई ने एनएसई के पूर्व अधिकारी सुब्रमण्यन को को-लोकेशन मामले में 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था. हिरासत में पूछताछ किये जाने के बाद सुब्रमण्यन को 9 मार्च को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सुनवाई के क्रम में सीबीआई के वकील ने कहा कि खुद को हिमालय के योगी के रूप में पेश करने वाले सुब्रमण्यन ने एनएसई की तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को अपने प्रभाव में ले लिया था.
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बचने की कोशिश करते रहे सुब्रमण्यन
वकील ने कहा कि पूछताछ के दौरान सुब्रमण्यन बचने की कोशिश करते रहे और अगर उन्हें जमानत दी जाती है, तो वह भागने की कोशिश कर सकते हैं. हालांकि सुब्रमण्यन के वकील ने अपने मुवक्किल को जमानत दिये जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्राथमिकी में सुब्रमण्यन का नाम नहीं था. एनएसई की को-लोकेशन सुविधा में भी उनकी कोई भूमिका नहीं थी. इसके साथ ही उन्होंने सुब्रमण्यन के हिमालय का योगी होने के दावे को भी नकारा.
को-लोकेशन सुविधा क्या है
एनएसई की तरफ से दी जाने वाली को-लोकेशन सुविधा के तहत ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर अपने सर्वर रख सकते हैं, ताकि उन्हें बाजार में होने वाले लेनदेन तक त्वरित पहुंच मिल पाये. सीबीआई का कहना है कि कुछ ब्रोकरों ने एनएसई के कुछ भीतरी लोगों के साथ मिलकर को-लोकेशन प्रणाली का दुरुपयोग किया और इस तरह अप्रत्याशित लाभ अर्जित किये. सीबीआई इस मामले में चित्रा रामकृष्ण को भी गिरफ्तार कर चुकी है.
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