कई महीने से चल रही थी तैयारी
अमन साहू गिरोह के द्वारा इस घटना को अंजाम देने के लिए पिछले कुछ महिनों से संगठन में शामिल कराने के लिए स्थानीय लड़कों को मासिक रकम दिया जाता था, और मोबाइल का विशेष एप का प्रयोग करने के लिए कहा जाता था. इस घटना का अंजाम देने के लिए विभिन्न तिथियों को प्लान बनाया गया, जिनमें 27 फरवरी को संगठन के कहने पर मिंटू कुमार पासवान, राहुल कुमार मुण्डा 3 मनोज माली के साथ प्लान तैयार किया गया.
पांच मार्च को संगठन के माध्यम से चतरा निवासी अजय यादव के पास हथियार, गोली उपलब्ध कराया गया, जिसे चतरा से लाने के लिए शूटर मिन्टु पासवान और मनोज माली को भेजकर हथियार और गोली मंगाया गया. इसके बाद छह मार्च संगठन के कहने पर इन सभी के द्वारा केरेडारी के बेंगवारी में कम्पनी के गाडियों का आने-जाने और भागने का सुरक्षित रास्ता का रेकी किया गया. सात मार्च को बेंगवरी के कोल माइन्स रोड के आस-पास घटना कारित करने का प्रयास किया गया. परन्तु असफल रहा. इसके बाद आठ मार्च को फतहा जंगल में घटना को अंजाम देने की सहमति बनी और घटना को अंजाम दिया गया.
कोयला डिस्पैच और ट्रांसपोर्टेशन का काम पर पड़ा था असर
डीजीएम गौरव हत्याकांड का असर कोल ट्रांसपोर्टेशन में भी देखने को मिला था. केरेडारी चट्टी बरियातू, पकरी बरवाडीह सहित कई इलाके में कोयला डिस्पैच और ट्रांसपोर्टेशन का काम कई दिनों तक बंद रहा. कुमार गौरव नालंदा बिहार के रहने वाले थे. एनटीपीसी पदाधिकारी की हत्या के बाद प्रशासन पर भी बड़ा सवाल खड़ा हुआ था. इसे भी पढ़ें – सुशांत">https://lagatar.in/rhea-chakraborty-gets-clean-chit-in-sushant-singh-rajput-death-case-dia-mirza-in-support-of-rhea/">सुशांतसिंह राजपूत मौत मामले में रिया चक्रवर्ती को मिला क्लीन चिट, रिया के सपोर्ट में दीया मिर्जा
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