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खरकई नदी की जमीन पर कब्जा होना जनसुनवाई के साथ विश्वासघात

  • कुजू नदी के किनारे भी चाहरदिवारी खड़ा करने का आरोप
  • रुंगटा ग्रुप के विरोध में उतरा एंटी करप्शन ऑफ इंडिया ग्रुप

Sukesh Kumar 

Chaibasa : एंटी करप्शन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष रामहरि गोप ने आरोप लगाया है कि रूंगटा ग्रुप खरकई नदी की जमीन पर कब्जा कर रहा है. यह ग्रामसभा में हुई जनसुनवाई के साथ विश्वासघात है. 

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चाहरदिवारी खड़ा करके खरकाई नदी की जमीन पर कब्जा होने से नदी की जल बहाव पर प्रभाव पड़ रहा है और बहते जल को रोकने की कोशिश की जा रही है.

 

रामहरि गोप ने आरोप लगाया कि हमारे कई जनप्रतिनिधि अब चुप हैं. जबकि ग्रामसभा ने सभी ने मिलकर उस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें खरकई नदी की जमीन पर कब्जा नहीं करने का वायदा किया गया था. 

 

आदिवासी-मूलवासी समाज और ग्रामीण जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और आजीविका की बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं हमारे कुछ जनप्रतिनिधि कंपनियों की गोद में बैठकर जनता की जल, जंगल को बेचने में लगे हुए हैं.

 

उल्लेखनीय है कि रूंगटा ग्रुप पर सरकारी और नदी की जमीन पर कब्जा करने के आरोप लगे हैं. कंपनी पर कुजू नदी के किनारे पर भी चाहरदिवारी करने के आरोप लग रहे हैं. वर्ष 2021 में हुई जनसुनवाई में स्थानीय विधायक दीपक बिरुआ के साथ-साथ रूंगटा ग्रुप के अधिकारी भी शामिल थे. दीपक बिरूआ अभी सरकार में मंत्री हैं.

 

रामहरि गोप ने 24 अगस्त 2021 को हुई जनसुनवाई का हवाला देते हुए बताया कि रूंगटा ग्रुप ने वायदा किया था कि खरकई नदी के किनारे कोई निर्माण नहीं किया जायेगा. 

 

ग्रामीण भी यह मानते हैं कि क्षेत्र में विकास के लिए निर्माण कार्य जरूरी है, लेकिन नदी के किनारे की जमीन को छोड़ देने और क्नियम का उल्लंघन न करने की सहमति जनसुनवाई में हुई थी. इसके बावजूद रुंगटा ग्रुप की ओर से नदी के किनारे की जमीन पर चाहरदिवारी निर्माण किया जा रहा है.

 

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