alt="" width="300" height="155" /> इसे भी पढ़ें : नक्सली">https://lagatar.in/maoist-called-bharat-bandh-on-november-20-in-protest-against-the-arrest-of-naxalite-prashant-bose-will-celebrate-resistance-day-from-november-15-to-19/">नक्सली
प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादी ने 20 नवंबर को बुलाया भारत बंद,15 से 19 नवंबर तक मनायेंगे प्रतिरोध दिवस दिनभर में एक ही बार सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. अन्न-भोजन को विशेष विधि- विधान के साथ तैयार किया जाता है. पंचक पर खाये जाने वाले अन्न को हबिसान्न कहा जाता है. पंचक का समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी और जलाशयों में विशेष स्नान के साथ होता है. मौके पर कई धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा को सरायकेला-खरसावां के ओड़िया समुदाय के लोग बोईतो बंदना उत्सव के रुप में भी मनाते हैं. बोईतो बंदना के दिन उत्कलीय परंपरा के अनुसार, केला के पेड़ के छिलके से तैयार किए गए नाव को नदी में छोड़ा जाता है. नावों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है. ओड़िया समुदाय की वर्षों पुरानी यह परंपरा अब भी चली आ रही है. ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण दिन मानते हैं और इस दिन को हरसंभव पुण्य कार्य करते हैं. कहा जाता है कि पंचक पर पुण्य कार्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. [wpse_comments_template]

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