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सरायकेला-खरसावां में ओड़िया समाज ने मनाया बोईतो बंदाण उत्सव

Saraikela/Kharsawan : कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न ओड़िया बहुल क्षेत्रों में शुक्रवार को बोईतो बंदाण उत्सव मनाया गया. खरसावां, सरायकेला, राजनगर, माहलीमोरुप, सीनी व आसपास के क्षेत्रों में यह उत्सव मनाया गया. लोगों ने शुक्रवार को सूर्योदय के पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में नदी-सरोवर में कार्तिक स्नान किया. इसके बाद सदियों पुरानी उत्कलीय परंपरा केला के पेड़ के छाल से तैयार नाव को सजा कर नदी और सरोवर में छोड़ा गया. स्थानीय भाषा में लोग इसे डोंगा भोसा कहते हैं. युवक-युवतियों ने कागज और थर्मोकोल से बनाए गए नाव को भी पानी में छोड़ा. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/11/KHARSAWAN-BOITO-1-178x300.jpg"

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नावों को रंग-बिरंगी फूलों से भी सजाया गया था. सरायकेला के खरकाई नदी के मांजना घाट व तेलीसाई घाट में भक्तों की भीड़ उमड़ी. स्थानीय मांजना घाट में नगर पंचायत के अध्यक्ष मीनाक्षी पट्टनायक ने भी डोंगा भोंसा कर क्षेत्र की सुख, शांति व समृद्वि की मंगलकामना की. खरसावां व सीनी में सोना नदी के तट पर भी नाव छोड़ने के लिए काफी संख्या में लोग जुटे थे. पवित्र कार्तिक माह के अंतिम दिन पूर्णिमा के ब्रह्म मुहूर्त पर लोगों ने सूर्योदय से पूर्व नदी और तालाब में आस्था की डुबकी लगाई और पवित्र स्नान कर लोगों ने मंदिरों में पूजा अर्चना की. कार्त्तिक पूर्णिमा को लेकर लोगो में खासा उत्साह देखा गया. [wpse_comments_template]

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