: धीमी पड़ रही कोरोना की रफ्तार, 10 दिनों में दिखेगा कंट्रोल!-प्रोफेसर जुगल किशोर पर्यावरण प्रबंधन हमेशा से टाटा स्टील के परिचालन का एक मुख्य हिस्सा रहा है. वायु, ध्वनि, सतही जल की गुणवत्ता और भूजल स्तर और इसकी गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाती है और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाते हैं.
टाटा स्टील के जेईआईएम में ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बेनेफिसिएशन प्लांट की आधारशिला रखी
JODA : टाटा स्टील जोड़ा ईस्ट आयरन माइन (जेईआईएम) में एक बेनेफिसिएशन प्लांट स्थापित कर रही है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को जेईआईएम के इस बेनेफिसिएशन प्लांट की आधारशिला रखी. भू-खंडन रस्म में टाटा स्टील के वरीय अधिकारियों ने वर्चुअली हिस्सा लिया. समारोह में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट ( मेटेरियल्स) डीबी सुंदर रामम ने कहा कि कच्चा माल स्टील निर्माण के लिए अति आवश्यक है. आने वाले महीने में विस्तारीकरण लक्ष्य को पूरा करने के लिए जोड़ा ईस्ट आयरन माइन में यह बेनेफिसिएशन प्लांट हमें रणनीतिक लाभ प्रदान करेगा. कंपनी ओडिशा और इसकी जनता के विकास में अपनी निरंतर भागीदारी निभा रही है. उन्होंने सभी प्रकार के सपोर्ट देने के लिए ओडिशा सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा कि जेईआईएम 1956 से कार्यरत है और इस खदान से निकला सम्पूर्ण लौह अयस्क जमशेदपुर (झारखंड के पूर्वी सिंहभूम), कलिंगानगर (ओडिशा के जाजपुर जिला), मेरामंडली (ओडिशा के धेनकेनाल) में अवस्थित कंपनी के अपने स्टील प्लांटों के साथ-साथ इसकी सहायक व सहयोगी कंपनियों और टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स गम्हरिया को आपूर्ति की जाती है. इसे भी पढ़ें : राहत">https://lagatar.in/relief-coronas-speed-is-slowing-down-control-will-be-seen-in-10-days-professor-jugal-kishore/">राहत
: धीमी पड़ रही कोरोना की रफ्तार, 10 दिनों में दिखेगा कंट्रोल!-प्रोफेसर जुगल किशोर पर्यावरण प्रबंधन हमेशा से टाटा स्टील के परिचालन का एक मुख्य हिस्सा रहा है. वायु, ध्वनि, सतही जल की गुणवत्ता और भूजल स्तर और इसकी गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाती है और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाते हैं.
: धीमी पड़ रही कोरोना की रफ्तार, 10 दिनों में दिखेगा कंट्रोल!-प्रोफेसर जुगल किशोर पर्यावरण प्रबंधन हमेशा से टाटा स्टील के परिचालन का एक मुख्य हिस्सा रहा है. वायु, ध्वनि, सतही जल की गुणवत्ता और भूजल स्तर और इसकी गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाती है और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाते हैं.

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