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पीएम मोदी ने मन की बात में राजनीति से इतर देश की धर्म-संस्कृति, भाषा, पहचान, प्राचीन मूर्तियों का जिक्र किया

 NewDelhi :  पीएम मोदी ने आज रविवार को मन की बात में लीक से हट कर देश की धर्म-संस्कृति, भाषा, पहचान, देश की प्राचीन मूर्तियों का जिक्र किया. बताया कि कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु के वेल्लूर से भगवान आंजनेय्यर, हनुमान जी की प्रतिमा चोरी हो गयी थी. हनुमान जी की यह मूर्ति भी 600-700 साल पुरानी थी. कहा कि  इस महीने की शुरुआत में यह प्रतिमा ऑस्ट्रेलिया में हमें प्राप्त हुई, हमारे मिशन को मिल यह चुकी है.

भारत इटली से  बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ

इसके अलावा इस माह की शुरुआत में भारत इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ है. यह धरोहर अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हज़ार साल से भी ज़्यादा पुरानी प्रतिमा है. ये मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गयी थी. पीएम ने कहा कि ऐसी मूर्तियों को वापस लाना, भारत मां के प्रति हमारा दायित्व है. इन मूर्तियों में भारत की आत्मा का, आस्था का अंश है. इनका एक सांस्कृतिक-ऐतिहासिक महत्व भी है. इस दायित्व को समझते हुए भारत ने अपने प्रयास बढ़ाये हैं. इसे भी पढ़ें : UP">https://lagatar.in/up-election-murderous-attacks-on-samajwadi-party-candidate-gulshan-yadav-in-kunda-rajabhaiya-said-my-victory-is-sure/">UP

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200 से ज्यादा प्रतिमाओं को भारत वापस ला चुका है.

पीएम ने इस क्रम में कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, हॉलैंड, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, सिंगापुर, ऐसे कितने ही देशों ने भारत की इस भावना को समझा है और मूर्तियां वापस लाने में हमारी मदद की है. पीएम ने कहा कि साल 2013 तक करीब-करीब 13 प्रतिमाएं भारत आयी थीं. लेकिन, पिछले सात साल में 200 से ज्यादा बहुमूल्य प्रतिमाओं को भारत सफलता के साथ वापस ला चुका है. कहा कि पिछले साल सितम्बर में जब अमेरिका गया था, तो वहां मुझे काफी पुरानी-पुरानी कई सारी प्रतिमाएँ और सांस्कृतिक महत्व की अनेक चीजें प्राप्त हुई हैं. पीएम ने कहा कि ये प्रतिमाएं भारत की मूर्तिकला का नायाब उदाहरण तो थीं हीं, इनसे हमारी आस्था भी जुड़ी हुई थी. पीएम ने कहा कि हजारों वर्षों के हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था और हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नज़र आता है. इसे भी पढ़ें : Russian">https://lagatar.in/discussion-amidst-the-russian-ukraine-war-russias-president-putin-is-the-worlds-richest-man-has-more-wealth-than-elon-musk/">Russian

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सबको मोह लेता है भारतीय संगीत का जादू

पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय संगीत का जादू ही कुछ ऐसा है, जो सबको मोह लेता है! पीएम मोदी ने कहा कि आज जब भारत अपनी आज़ादी के 75वां वर्ष का महत्वपूर्ण पर्व मना रहा है, तो देशभक्ति के गीतों को लेकर भी ऐसे प्रयोग किये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जहां विदेशी नागरिकों को, वहां के प्रसिद्ध गायकों को, भारतीय देशभक्ति के गीत गाने के लिये आमंत्रित करें.

पीएम ने तंजानिया के भाई-बहन द्वारा भारतीय संगीत गाने की प्रशंसा की

पीएम मोदी ने कहा कि तंजानिया के भाई-बहन किलि पॉल और उनकी बहन नीमा बहुत चर्चा में हैं और मुझे पक्का भरोसा है आपने भी उनके बारे में जरूर सुना होगा. उनके अंदर भारतीय संगीत को लेकर एक जुनून है, एक दीवानगी है और इसी वजह से वे काफी लोकप्रिय भी हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हमारा राष्ट्रगान जन गण मन गाते हुए उनका वीडियो खूब वायरल हुआ था. कुछ दिन पहले उन्होंने लता दीदी का गाना गाकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी थी. मैं दोनों भाई-बहन की क्रिएटिविटी की सराहना करता हूं. अगर तंजानिया में किली और नीमा भारत के गीतों पर लिंप सिंक कर सकते हैं तो क्या मेरे देश में, हमारे देश की कई भाषाओं में, कई प्रकार के गीत हैं, क्या हम कोई गुजराती बच्चे तमिल गीत पर करें, कोई केरल के बच्चे असमिया गीत पर करें, कोई कन्नड़ बच्चे जम्मू-कश्मीर के गीतों पर करें. एक ऐसा माहौल बना सकते हैं हम, जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत हम अनुभव कर सकते हैं. इसे भी पढ़ें :  Russian">https://lagatar.in/russian-ukraine-war-putin-ready-to-drop-chemical-weapons-on-ukraine/">Russian

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मां की तरह मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है

पीएम ने कहा कि जैसे हम अपनी मां को नहीं छोड़ सकते वैसे ही अपनी मातृभाषा को भी नहीं छोड़ सकते. जो विद्वान लोग हैं, वो मातृभाषा शब्द कहां से आया इसकी उत्पत्ति कैसे हुई, इसे लेकर बहुत अकादमिक इनपुट दे सकते हैं. जैसे हमारे जीवन को हमारी मां गढ़ती है, वैसे ही मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी कुछ लोग ऐसे मानसिक द्वन्द में जी रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपनी भाषा, अपने पहनावे, अपने खान-पान को लेकर एक संकोच होता है, जबकि, विश्व में कहीं और ऐसा नहीं है. भारत में विश्व की सबसे पुरानी भाषा तमिल है. साल 2019 में, हिन्दी, दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे क्रमांक पर थी. आज के दिन, यानी, 27 फरवरी को मराठी भाषा गौरव दिवस भी है.  सर्व मराठी बंधु भगिनिना मराठी भाषा दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा. [wpse_comments_template]  

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