न्यूज नेटवर्क को मिले दस्तावेज के अनुसार, जिम्मेदारों ने एक ही लाभुक को दो-दो बार शौचालय की राशि का भुगतान किया है. बंता हजाम गांव में कुल 1066 शौचालय का निर्माण होना था. इसमें बेस लाइन सर्वे (बीएलएस) के तहत 735, लेफ्ट आउट बेस लाइन सर्वे के तहत 239 और एनएलबी के तहत 92 शौचालय बनाने का लक्ष्य था. जिम्मेवारों ने जमीन के बजाय कागज पर ही 200 शौचालय बनाकर लक्ष्य को पूर्ण बता दिया. शौचालय निर्माण की विस्तृत जांच हुई, तो बड़े घोटाले का पर्दाफाश होगा. इसे भी पढ़ें - 3">https://lagatar.in/mamta-banerjee-expresses-opposition-by-tweeting-3-on-central-deputation-of-3-ips-officers/10564/">3
IPS अफसरों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से भड़कीं ममता, लगातार ट्वीट कर निकाली केंद्र सरकार पर भड़ास
एक लाभुक को दो-दो बार किया गया राशि का भुगतान
सिल्ली के बंता हजाम (साउथ) गांव में एक ही व्यक्ति (लाभुक) को दो-दो बार शौचालय निर्माण राशि का भुगतान किया गया है. कई ऐसे भी मामले सामने आये हैं. जिसमें एक ही घर के सभी लोगों के नाम पर राशि की निकासी की गयी है. मगर घर में एक भी शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं है. गांव के 30 प्रतिशत शौचालयों का निर्माण आधा-अधूरा ही हुआ है. वैसे शौचालय को भी पूर्ण बता कर राशि की निकासी कर ली गयी है. [caption id="attachment_10617" align="aligncenter" width="600"]alt="कागज पर ही अफसरों ने बना डाले 200 शौचालय, गांव को ODF घोषित कर हजम की राशि" width="600" height="400" /> जर्जर शौचालय की तस्वीर[/caption]
गांव के लाभुक लालेश्वर कोइरी (पिता घासी राम कोइरी), ललिता देवी (लक्ष्मी नारायण कोइरी), लक्ष्मी नारायण कोइरी(महादेव कोइरी) जैसे कई लाभुकों को दो-दो बार शौचालय निर्माण कार्य की राशि दी गयी है.
एक बार पिता को जिंदा बताकर, दूसरी बार मृत बता कर हड़पी राशि
बंता हजाम गांव के ही एक लाभुक ने अपने पिता को एक बार जीवित दिखा कर पैसा लिया. जबकि दूसरी बार पिता को मृत बताकर राशि की निकासी कर ली. जो शौचालय बनाया, वह भी आधा अधूरा. गांव के कई लाभुक जलावन की लकड़ी रखने के लिए शौचालय का उपयोग कर रहे हैं. गांव के लाभुक शिवचरण पातर मुंडा (पिता लक्ष्मण पातर मुंडा) ने दो बार शौचालय निर्माण की राशि निकाली है. एक बार पिता को जीवित बताते हुए, दूसरी बार पिता को मृत बताते हुए. गांव में ऐसे कई मामले हैं, जिसमें बिचौलियों और विभागीय अफसरों की मिलीभगत से बिना शौचालय निर्माण कराये ही राशि दे दी गयी है.
इसे भी पढ़ें - रिम्स">https://lagatar.in/ranchis-water-reaches-hades-ground-water-level-reached-18-meters-below/10415/">रिम्ससे पिछले साढ़े चार महीनों में हो चुकी है 644 यूनिट प्लाज्मा की सप्लाई
शौचालय निर्माण के नाम पर जमकर हुई लूट
प्रदेश की राजधानी रांची के ज्यादातर ब्लॉक और गांव में शौचालय निर्माण और राशि भुगतान में गडबड़ी की शिकायत आ रही है. रांची सहित प्रदेशभर में स्वच्छ भारत मिशन को मजाक बनाकर रख दिया गया. स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने बगैर शौचालय निर्माण के गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. [caption id="attachment_10619" align="aligncenter" width="600"]alt="कागज पर ही अफसरों ने बना डाले 200 शौचालय, गांव को ODF घोषित कर हजम की राशि" width="600" height="400" /> जर्जर शौचालय की तस्वीर[/caption] इतना ही नहीं, ओडीएफ घोषित करने के बाद इसे उपलब्धि के तौर पर सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भेजी गयी है. गांव के बाहर ओडीएफ का बोर्ड लगाकर और बोर्ड के साथ फोटो खिंचवायी गयी है. इसके बाद उस स्थान से बोर्ड को हटा लिया गया है, ताकि गांव के लोगों को इसकी भनक न लगे.
किस जिले में कितने शौचालय का हुआ निर्माण
| जिला | लक्ष्य | 
| रांची | 2,52,605 | 
| हजारीबाग | 2,32,993 | 
| चतरा | 1,58,217 | 
| कोडरमा | 83,919 | 
| रामगढ़ | 92,597 | 
| बोकारो | 1,66,843 | 
| पलामू | 2,74,071 | 
| लातेहार | 1,22,111 | 
| गढ़वा | 1,95,334 | 
| गुमला | 1,66,193 | 
| लोहरदगा | 67,776 | 
| सिमडेगा | 97,913 | 
| देवघर | 1,82,730 | 
| धनबाद | 1,87,065 | 
| दुमका | 2,05,342 | 
| गिरिडीह | 2,73,457 | 
| गोड्डा | 1,49,752 | 
| जामताड़ा | 1,18,198 | 
| खूंटी | 81,052 | 
| पाकुड़ | 1,88,930 | 
| प.सिंहभूम | 1,62,313 | 
| पूर्वी सिंहभूम | 1,82,397 | 
IFS पर IWMP में लाभ पहुंचाने के एवज में कोयला और आयरन ओर कंपनियों से 100 करोड़ रिश्वत लेने की शिकायत
 
                 
                                                             
                                         
                                 
                                             
                                         
                                         
    
Leave a Comment