- विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों के दिए गए थे 57 आश्वासन, 75 फीसदी अधूरे- मॉनसून सत्र में पेश एटीआर की रिपोर्ट में सामने आई जमीनी हकीकत
- विभागों ने विधायकों को दिनांक, ज्ञापांक और पत्रांक में उलझा दिया
Satya Sharan Mishra
Ranchi : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सरकार की ओर से विधायकों को दिए गए आश्वासन अफसरों के चिट्ठी-चिट्ठी के खेल में उलझ कर रह गए हैं. बजट सत्र में सरकार ने सदन में जो आश्वासन दिए थे उनमें से सिर्फ 25 फीसदी ही पूरे हो सके हैं. आश्वासनों पर सिर्फ सफाई ही दी गई है. न वक्फ बोर्ड बना, न कॉलेज हस्तांतरित हुए और न ही जनजातीय परिवारों को वन पट्टा मिल पाया. ज्यादातर मुद्दे महीनों बाद भी फाइलों से बाहर नहीं निकल सके हैं और अफसर चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं.
बता दें कि विगत बजट सत्र 27 फरवरी से 23 मार्च तक चला था. उस दौरान विधायकों ने राज्य से जुड़े कई मुद्दों को लेकर सवाल उठाये थे. 57 विधायकों के सवालों पर सरकार की ओर से तय समय पर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया था. अब विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो चुका है. इस सत्र में जब एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) पेश की गई तो पता चला कि 75 फीसदी आश्वासन तो पूरे हुए ही नहीं हैं. एटीआर में विभागीय अधिकारियों ने विभागीय संकल्प, दिनांक, ज्ञापांक, पत्रांक और प्रतिवेदन के ब्योरे पेश कर जवाब को उलझा दिया है. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के 5-7 दिन पहले जिलों के डीसी को पत्र भेजा गया है.
चतरा डीसी ने अब तक रिपोर्ट ही नहीं दी
विधायक किशुन कुमार दास ने 28 फरवरी को विधानसभा में सवाल उठाया था कि सिमरिया के लावालौंग प्रखंड के लमटा गांव में एसटी परिवारों को वन पट्टा नहीं मिल रहा है. इस पर मंत्री चंपई सोरेन ने कहा था कि मामले की जांच कराने के बाद परिवारों से आवेदन लेकर वन पट्टा स्वीकृत किया जाएगा. विभाग ने दो बार 13 अप्रैल 2023 और 25 जुलाई 2023 को इस संबंध में चतरा डीसी से जांच रिपोर्ट मांगी, लेकिन अब तक डीसी ने रिपोर्ट दी ही नहीं है.
एक महीने में वक्फ बोर्ड के गठन का मंत्री ने दिया था आश्वासन
माले विधायक बिनोद सिंह ने 16 मार्च 2023 को सदन में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए समितियों और बोर्ड के गठन की मांग की थी. इस पर विभागीय मंत्री हफीजुल हसन ने एक महीने के अंदर वक्फ बोर्ड के गठन का आश्वासन दिया था. 4 महीने बाद भी वक्फ बोर्ड का गठन नहीं हुआ. एटीआर में सरकार ने बताया कि गठन की प्रक्रिया चल रही है.
अधिकांश कॉलेज अभी भी नहीं हुए हैंडओवर
विधायक स्टीफन मरांडी ने 14 मार्च 2023 को मामला उठाया था कि राज्य में कई कॉलेज भवन बनकर तैयार हैं लेकिन हैंडओवर नहीं होने के कारण पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है. प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब दिया था कि इसे जल्द करवा लिया जाएगा, लेकिन अधिकांश कॉलेज अभी भी हैंडओवर नहीं हुए हैं. एटीआर में सरकार ने बताया है कि कॉलेजों के हस्तांतरण के लिए भवन निर्माण विभाग से आग्रह किया गया है.
अभी अधियाचना ही तैयार कर रहा विभाग
विधायक बिनोद सिंह ने 14 मार्च 2023 को विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति करने का मामला उठाया था. प्रभारी मंत्री मिथेलश ठाकुर ने आश्वासन दिया था विनोबा भावे विवि में रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही नियुक्ति होगी. वहीं, एटीआर में सरकार ने बताया है कि अभी रोस्टर क्लीयरेंस का संशोधन प्रस्ताव कार्मिक विभाग की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. वहीं, 8 यूनिवर्सिटीज के लिए सहायक प्राध्यापकों के 2265 पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना तैयार की जा रही है.
सरकार ने नहीं बताया किस-किस पदाधिकारी पर हुई कार्रवाई
विधायक विनोद सिंह ने 2 मार्च 2023 को गिरिडीह में पीडीएस केंद्र आवंटन और राशन कार्ड स्वीकृति में अनियमितता का मामला उठाया था. विभागीय मंत्री रामेश्वर उरांव ने आश्वासन दिया था कि आरोपी पदाधिकारियों को सरकार छोड़ेगी नहीं. एटीआर में विभाग ने बताया है कि आरोपियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो रही है, लेकिन यह साफ नहीं है कि किस-किस पदाधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई है.
सदन शुरू होने से आठ दिन पहले खुली नींद
विधायक उमाशंकर अकेला ने 28 फरवरी को हजारीबाग के चौपारण प्रखंड के तारापुर शिव मंदिर को पर्यटन स्थल घोषित करने और तालाब का सौंदर्यीकरण कराने की मांग की थी. मंत्री हफीजुल हसन ने इसे जल्द कराने का आश्वासन दिया था. एटीआर में बताया गया है कि इस संबंध में 20 जुलाई 2023 को हजारीबाग डीसी को पत्र लिखा गया है.
सदन शुरू होने के आठ दिन पहले लिखा पत्र
विधायक रामदास सोरेन ने सदन में 15 मार्च 2023 को घाटशिला में जिला परिषद की भू-संपत्ति के संबंध में ब्योरा मांगा था. मंत्री आलमगीर आलम ने आश्वासन दिया था कि 2-3 महीने में इसे करा दिया जाएगा. वहीं, एटीआर में कहा गया है कि 20 जुलाई को सभी जिलों में इस संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया है.
सत्र में तो नहीं हुई कार्रवाई, डीसी ने भी नहीं दी रिपोर्ट
विधायक कमलेश सिंह ने 2 मार्च 2023 को हुसैनाबाद अंचल के सीओ नंद कुमार राम पर लगे गड़बड़ी के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. मंत्री जोबा मांझी ने आश्वासन दिया था कि बजट सत्र में जांच और कार्रवाई होगी. चलते सत्र के दौरान तो कुछ नहीं हुआ. एटीआर में बताया गया है कि मामले की जांच के लिए पलामू डीसी को निर्देश दिया गया है. वहां से रिपोर्ट आने के बाद विधानसभा सचिवालय को सूचित किया जाएगा.
डीसी ने अब तक नहीं दी जांच रिपोर्ट
विधायक आलोक चौरसिया ने 17 मार्च 2023 को पलामू के चैनपुर प्रखंड के शाहपुर गांव के प्राइवेट मकान में सरकारी कार्यालय चलाने का मामला उठाया था. मंत्री जोबा मांझी ने कहा था किसी को लूट की छूट नहीं है. निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. एटीआर में बताया गया है कि डीसी से जांच रिपोर्ट मांगी गई है. अब तक रिपोर्ट आई नहीं है.
काम नहीं होगा तो जनता तो समझेगी विधायक पावरलेस है : उमाशंकर
कांग्रेस के विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि सिर्फ शिव मंदिर का ही नहीं, बरही के विस्थापित परिवारों और डीवीसी के विस्थापितों का भी सवाल मैंने कई बार विधानसभा में उठाया है. सिर्फ आश्वासन ही मिलता है. सदन में मंत्री आश्वासन दे देते हैं, लेकिन अधिकारी काम नहीं करते. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां तो हालत यह है कि किसी काम के लिए बीडीओ-सीओ, थानेदार को 5-5 बार फोन करना पड़ता है. गड़बड़ी करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ सदन में आवाज उठने के बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं होती. ऐसे में जनता तो यही समझेगी कि विधायक पावरलेस है. मुख्यमंत्री सरल और सहज हैं, लेकिन प्रशासन बेलगाम है.
कोई आश्वासन पूरा नहीं होता, सिर्फ हवा-हवाई बातें : राज सिन्हा
भाजपा विधायक राज सिन्हा ने कहा कि विधानसभा में विधायकों के सवालों पर सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन कभी पूरे नहीं होते. सिर्फ हवा-हवाई बातें ही होती हैं. अधिकारी समय पर काम नहीं करते तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. सरकार को यह देखना चाहिए कि सचिव और विभागीय अधिकारी आश्वासनों को पूरा क्यों नहीं कर रहे? विधानसभा के अध्यक्ष की भी यह जिम्मेदारी है कि सदन में मिले आश्वासन तय समय में पूरे हों.