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मानदेय बढ़ाने की क्यों पड़ी जरुरत
राज्य में उग्रवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत राज्य में संचालित सीआईएटी स्कूलों के पर्यवेक्षक, वरीय अनुदेशकों और अनुदेशकों का 17 मई 2010 को पदों का सृजन किया गया था. इन पदों पर कार्यरत कर्मियों और पदाधिकारियों के मानदेय की राशि चार दिसंबर 2015 में बढ़ायी गयी. इसके बाद से मानदेय में वृद्धि नहीं की गयी थी. मानदेय में वृद्धि नहीं होने पर अनुदेशकों का रुझान सीआईएटी स्कूलों प्रति कम होने लगा. इसको देखते हुए ही मानदेय में वृद्धि की गयी है. इसे भी पढ़ें : राजस्थान">https://lagatar.in/demonstration-of-bjp-mps-in-parliament-house-premises-against-atrocities-against-women-in-rajasthan/">राजस्थानमें महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के विरोध में भाजपा सांसदों का संसद भवन परिसर में प्रदर्शन
जानें किनके मानदेय में कितनी होगी वृद्धि :
- पर्यवेक्षक को प्रति माह 60 हजार रूपये मिलता था, अब एक लाख रूपया मिलेगा.
- उप पर्यवेक्षक को 40 हजार रुपये प्रति माह मिलता था, अब 60 हजार मिलेगा.
- वरीय अनुदेशक को 30 हजार रुपये प्रति माह मिलता था, अब 40 हजार मिलेगा.
- अनुदेशक को 20 हजार रूपये प्रति माह मिलता था, अब 30 हजार मिलेगा.
- नोट- मानदेय में हर साल आठ प्रतिशत की वृद्धि होगी.
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