शुभम संदेश में खबर प्रकाशित होने के बाद वेंडर ने खेल निदेशक का सौंपा माफीनामा
Shubham Kishore
Ranchi : राजधानी रांची में महिला एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन में जिन गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ, उनके नाम खेल हो गया. शुभम संदेश में खेल में तेल का खेल की खबर प्रकाशित होने के बाद वेंडर बीके ट्रेवल्स ने अपनी गलती स्वीकारते हुए खेल निदेशक को माफीनामा दिया है. साथ ही डीजल पर वसूली गयी जीएसटी की राशि भुगतान की भी बात कही है. बता दें आयोजन में चार पहिया वाहन बीके ट्रेवल्स ने किराये पर उपलब्ध कराया था. इसके एवज में जो बिल बीके ट्रेवल्स ने निदेशालय में जमा किया, उसमें 27 वाहनों के डीजल मद में 6,49,504 रुपये का भुगतान लिया था. लेकिन वाहनों के किराये के जीएसटी के साथ ही साथ डीजल मद की राशि का बिल भी बना दिया. ऐसे में गाड़ियों का किराया और डीजल मद में जीएसटी जोड़ कर ले लिया. डीजल के बिल पर भी पांच प्रतिशत की दर से 51,321रु जीएसटी वसूल लिया. खेल निदेशालय ने भी आंख मूंद कर बिल वेरिफाई कर बीके ट्रेवल्स को डीजल के एवज में जीएसटी का भुगतान भी कर दिया था. अब बीके ट्रेवल्स ने जीएसटी मद में भुगतान ली गयी राशि वापस करने की बात कही है.
ई-रिक्शा नहीं कार में भरवाया गया था डीजल
खेल निदेशक सुशांत गौरव ने बताया कि बीके ट्रेवल्स और मेसर्स श्याम सर्विस सेंटर ने अपनी गलती मानी है कि जो बिल जमा किया गया था, उसमें टाइपिंग की गड़बड़ी हो गयी थी. जिस गाड़ी में डीजल भरवाया गया था, उसका नंबर जेएच 01ईएवाई 2455 था, लेकिन टाइपिंग मिस्टेक के कारण नंबर जेएच 01ईएकस 2455 अंकित हो गया था.
निदेशक ने कहा -सभी काम प्रक्रिया के तहत हुई पूरी
खेल निदेशक सुशांत गौरव ने कहा कि सभी काम पूरी प्रक्रिया के तहत किए गए हैं. काम के लिए पहले टेंडर हुआ, जो कंपनी एल वन हुई, उसे वर्कऑर्डर जारी हुआ. वर्क ऑर्डर के अनुसार ही काम हुआ है. हर काम का बिल के अनुरूप भुगतान किया गया है. चाहे वह काम किसी भी विभाग ने किया या कराया, सभी ने अपना बिल दिया है. उसके अनुरूप भुगतान किया गया है. गाला डिनर पर जो खर्च की बात सामने आई है, वो जिला प्रशासन के अप्रूव्ड रेट के अनुरुप एजेंसी को किया गया है.
बिल इनोवा का और गाड़ी फॉर्च्यूनर
प्रतियोगिता के आयोजन के दौरान आवागमन के लिए चारपहिया वाहन किराए पर लिए गए थे. बीके ट्रेवल्स ने जो बिल जमा किया है, उसके अनुसार, जेएच 01 सीजे 0777 नंबर की गाड़ी को इनोवा क्रिस्टा बताते हुए बिल जमा किया गया, लेकिन वो कार फॉर्च्यूनर थी. वहीं बिल में जेएच 01 डीबी 8055 को स्कॉर्पियो बता कर बिल का भुगतान लिया गया, लेकिन वो कार टाटा सफारी स्टॉर्म थी. जेएच 01 एआर 7900 को स्कॉर्पियो बता कर बिल दिया गया ,लेकिन वो कार इनोवा क्रिस्टा थी. इसके अलाव कई गाडि़यों के इंश्योरेंस भी फेल थे. जब सारे दस्तावेज अधिकारियों की एक टीम ने सत्यापित किये, तो इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर पकड़ में कैसे नहीं आई.