विनेश आज सिर्फ 100 ग्राम या 0.22 पाउंड वजन से चूक गयी. क्या आप जानना चाहते हैं कि यह कितना होता है? 100 ग्राम वजन 1 साबुन की टिकिया, 1 कीवी, 2 अंडे या 100 पेपर क्लिप जितने घरेलू सामानों के बराबर होता है.
Paris : अमेरिका के ओलंपिक चैंपियन रेसलर जॉर्डन बरोज ने विनेश फोगाट को डिस्क्वॉलिफाई करार दिये जाने पर इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) पर निशाना साधा है. जॉर्डन ने आईओसी से तुरंत नियम बदलने मांग करते हुए विनेश को सिल्वर मेडल देने की मांग की है.
London 2012 wrestling Olympic champion Jordan Burroughs proposes immediate rule changes regarding weigh-ins and advocates Vinesh Phogat to be given a silver medal.#Paris2024 #Olympics pic.twitter.com/ik5MWQ6xht
— Sportstar (@sportstarweb) August 7, 2024
Vinesh missed weight this morning by only 100 grams or 0.22 lbs.
Want to know how small that is?
100 grams weighs as much as these household items:
•1 bar of soap
•1 kiwi
•2 eggs
•100 paper clips– Martin Thorstensson
— Jordan Burroughs (@alliseeisgold) August 7, 2024
विनेश मेडल की हकदार थीं, यह दुखद है…
जॉर्डन ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा कर नाराजगी जताई. अपने पोस्ट में लिखा, मुझे नहीं लगता कि हम में से कोई भी समझ सकता है कि विनेश के आज सुबह वजन कम करने के क्या परिणाम होंगे. जब वह आज उठीं तो भारत की पहली महिला ओलंपिक फाइनलिस्ट थीं. कम से कम सिल्वर मेडल पक्का था. अब वह बिना मेडल के घर जायेगी. भगवान की उनपर कृपा हो. लिखा कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ सहना होगा. वह आज पोडियम (मेडल) की हकदार थीं. यह दुखद है.
ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया था
जान लें कि विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया था. विनेश का मुकाबला महिला कुश्ती 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से होना था. कम से कम सिल्वर मेडल तो तय था.जॉर्डन का कहना था, विनेश आज सिर्फ 100 ग्राम या 0.22 पाउंड वजन से चूक गयी. क्या आप जानना चाहते हैं कि यह कितना होता है? 100 ग्राम वजन 1 साबुन की टिकिया, 1 कीवी, 2 अंडे या 100 पेपर क्लिप जितने घरेलू सामानों के बराबर होता है.
जॉर्डन ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, शायद इस तरह की कहानियां आईओसी को जगा दें. कुश्ती को छह से ज्यादा भार वर्गों की जरूरत है. विश्व स्तरीय प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ तीन कठिन मुकाबलों के बाद किसी भी एथलीट को इस तरह से गोल्ड मेडल की तैयारी में रात नहीं बितानी चाहिए. फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए विनेश ने वजन कम करने की पूरी कोशिश लेकिन निराशा हाथ लगी.