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lagatar exclusive ओमिक्रोन : धनबाद ने भेजना बंद किया सैंपल

Dhanbad : डेढ़ माह से ज़्यादा बीत जाने के बावजूद कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की जांच के लिए भुवनेश्वर भेजे गए सैंपल की जांच रिपोर्ट आज तक नहीं आई है. इसबीच कोरोना के वे सभी मरीज, जिनके सैंपल लिए गए थे, ठीक हो गए. घर चले गए. जांच रिपोर्ट नहीं आने से परेशान धनबाद ने अब नए सैंपल भेजना ही बंद कर दिया है .

एसएनएमएमसीएच से भुवनेश्वर 

एसएनएमएमसीएच के माइक्रो बॉयोलोजी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुजीत कुमार तिवारी के जरिए सैंपल भुवनेश्वर के सरकारी लैब में भेजा जाता है. वह लेबोरेटरी, जांच रिपोर्ट राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को भेजती है. जांच रिपोर्ट में विलंब होने पर एसएनएमएमसीएच ई मेल के जरिए याद दिलाता है . सैंपल भेजने, याद दिलाने के बावजूद आज तक एक भी सैंपल की जांच रिपोर्ट नहीं आई है . एसएनएमएमसीएच ने अब सैंपल भेजना भी बंद कर दिया है. ऐसे में यह पता लगना कठिन है कि धनबाद में किसी को ओमिक्रोन हुआ है या नहीं?

 17 नवंबर को भेजे गए थे आठ सैंपल 

17 नवंबर को आठ सैंपल भुवनेश्वर भेजा गया था . इसमें से एक की भी जांच रिपोर्ट नहीं आई . फिर 4, 12 और 29 दिसंबर को सैंपल भेजे गए . कुल मिलाकर तीस सैंपल भेजे गए हैं पर रिपोर्ट एक की भी नहीं आई है . 17 नवंबर को जिन मरीजों के सैंपल भेजे गए थे, वे सभी ठीक हो गए, घर भी चले गए, जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर राजकुमार सिंह ने लगातार से कहा कि जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण यह बताना संभव नहीं है कि धनबाद में ओमिक्रोन के मरीज हैं या नहीं ? बता दें कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता 29 दिसंबर को धनबाद आए थे, उस दिन उन्होंने लगातार  से कहा था कि जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन झारखंड को जल्द मिल जाएगी . लेकिन, जानकारों का मानना है कि जब तक मशीन आएगी, कोरोना की तीसरी लहर खत्म हो चुकी होगी . क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग:  जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है. कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है. इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है. वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं. इससे ही कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में पता चलता है. ओमिक्रोन के लक्षण वाले सैंपल को जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा जाता है. मेडिकल कॉलेज के द्वारा निर्णय लिया जाता है कि कितना सैंपल जांच के लिए भेजा जाना है. जांच की रिपोर्ट राज्य के स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाता है. ओमिक्रोन निकलता है, तो जिला स्वास्थ्य विभाग को बताया जाता है-: डॉक्टर श्याम किशोर कांत, सिविल सर्जन      यह भी पढें :">https://lagatar.in/gopalganj-the-young-man-who-went-to-pacify-the-quarrel-was-beaten-to-death/">

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