Ranchi: 17 दिसंबर को अमित शाह द्वारा राज्यसभा में की गई टिप्पणी ने मोदी सरकार के अंबेडकर व भारत के संविधान के प्रति विद्वेष को उजागर कर दिया है. संघ व भाजपा अपनी मनुवादी-फासीवादी विचारधारा की वजह से हमेशा ही जातीय शोषण से मुक्ति के अंबेडकर के विचार का घोर विरोधी रही है. गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी ऐसे समय में की गई है जब संघी सरकार की संविधान बदलने की साजिश को संसद व सड़क पर विपक्ष और जनता द्वारा मजबूत चुनौती मिल रही है.
हम वाम पार्टियों की ओर से अमित शाह से इस्तीफा व मोदी सरकार से माफी मांगने की मांग करते हैं. हम सभी वामपंथी पार्टियां राज्य के प्रगतिशील-लोकतांत्रिक शक्तियों से अपील करती हैं कि संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ गृहमंत्री के जरिए अपमानजनक वक्तव्य के खिलाफ एकजुट होकर सड़कों पर निकलें. भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विपल्व, भाकपा माले के राज्य सचिव मनोज भक्त ने आह्वान किया कि 30 दिसंबर को तमाम वाम पार्टियां गृहमंत्री के बयान के प्रतिवाद में सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे.
इसे भी पढ़ें – पुष्पा 2 पर लगा ग्रहण, तेलंगाना विधायक ने दर्ज करायी शिकायत