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20 जनवरी को अदिवासी मूलवासी संगठनों का राजभवन के सामने धरना

Ranchi : आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा की विस्तारित कोर कमेटी की बैठक बुधवार को बरियातू स्थित तेतर टोली सरना परिसर में डॉ करमा उरांव की अध्यक्षता में हुई. तय किया गया कि 20 जनवरी को राजभवन के समक्ष महाधरना दिया जायेगा. करमा उरांव ने कहा कि धरना का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों और मूलवासियों को उनका हक दिलाना है. स्थानीय नीति परिभाषित किये बगैर नियुक्ति नियमावली का कोई मतलब नहीं है. चूंकि स्थानीयता की परिभाषा का आधार सिर्फ मैट्रिक- इंटरमीडिएट परीक्षा पास नहीं हो सकता है. पूर्व की रघुवर दास की सरकार द्वारा बाहरियों को यहां के नियोजन में शामिल करने के लिए उक्त प्रावधान किया गया था, जिससे न केवल वर्तमान सरकार अपितु राज्य की जनता ने ख़ारिज कर दिया था. इसे भी पढ़ें – पंजाब">https://lagatar.in/punjab-cms-clarification-no-security-lapse-farmers-wanted-to-meet-pm/">पंजाब

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विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां विधि सम्मत नहीं

नियुक्ति नियमावली में भोजपुरी, मैथिली एवं अंगिका जो राज्य की मूल भाषा परिवार की नहीं है, उन्हें सरकार विलोपित करे. राज्य सरकार प्राथमिक, माध्यमिक, मैट्रिक, इंटरमीडिएट सहित विश्वविद्यालयों में जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई की समुचित व्यवस्था करे. रांची विश्वविद्यालय सहित राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों पर हजारों की संख्या में अनुबंध पर नियुक्तियां की गयी है. ये सभी नियुक्तियां विधि सम्मत नहीं है और आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है. इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया.

स्थानीयता परिभाषित किये बगैर कानून सार्थक नहीं

बैठक में मॉब लिंचिग कानून 2021 एवं निजी क्षेत्रों के प्रतिष्ठानों में स्थानीय के लिए 75% आरक्षण के प्रावधान का स्वागत किया गया, परंतु कहा गया कि स्थानीयता परिभाषित किये बगैर यह कानून सार्थक नहीं होगा. 12 मार्च 2022 को संयुक्त मोर्चा द्वारा रांची में आहूत महारैली में सरकार के काम- काज का सोशल ऑडिट प्रस्तुत किया जायेगा.

बैठक में मौजूद थे

आज की बैठक में मुख्य रूप से अंतु तिर्की, आजम अहमद, प्रेमशाही मुंडा, एस अली, शिवा कच्छप, संजय तिर्की, सुनील सिंह, एलएम उरांव, नौशाद खान, विभय नाथ शाहदेव, बलकू उरांव, देव सहाय मुंडा, कृष्णा मुंडा, अनिल पूर्ति, जीवन भूट कुंवर, हरीश मुंडा, शिवप्रसाद साहू, अजीत टाना भगत सहित अन्य लोग उपस्थित थे. [wpse_comments_template]

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