New Delhi : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज शुक्रवार को कांग्रेस पर नये संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के निकट स्थापित किये जाने वाले रस्मी राजदंड (सेंगोल) के महत्व को कमतर बता कर चलते समय सहारा देने के काम आने वाली छड़ी बना देने का आरोप लगाया. सवाल किया कि उसे भारतीय संस्कृति से इतनी नफरत क्यों है ?
नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के बीच जारी वाकयुद्ध के बीच शाह ने कहा कि कांग्रेस को अपने व्यवहार पर मनन करने की आवश्यकता है. उन्होंने पार्टी के इस दावे की निंदा की कि राजदंड के 1947 में ब्रिटेन द्वारा भारत को सत्ता सौंपे जाने का प्रतीक होने का कोई उदाहरण नहीं है. नेशनल खबरो के लिए यहां क्लिक करें
“Why does the Congress party hate Indian traditions and culture so much? A sacred ‘Sengol’ was given to Pandit Nehru by a holy Saivite Mutt from Tamil Nadu to symbolize India’s freedom but it was banished to a museum as a ‘walking stick’…Congress is calling Adheenam’s history… pic.twitter.com/6RF87fb02E
— ANI (@ANI) May 26, 2023
राजदंड को छड़ी की तरह बताकर संग्रहालय में भेज दिया गया
शाह ने कहा, कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ ने भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के तौर पर पंडित (जवाहरलाल) नेहरू को एक पवित्र राजदंड दिया गया था, लेकिन इसे चलते समय सहारा देने वाली छड़ी की तरह बताकर किसी संग्रहालय में भेज दिया गया. उन्होंने कहा, अब कांग्रेस ने एक और शर्मनाक अपमान किया है. पवित्र शैव मठ थिरुवदुथुराई आदिनम ने भारत की स्वतंत्रता के समय राजदंड के महत्व के बारे में स्वयं बताया था.
कांग्रेस अब आदिनम के इतिहास को फर्जी बता रही है

शाह ने कहा, कांग्रेस अब आदिनम के इतिहास को फर्जी बता रही है. कांग्रेस को अपने व्यवहार पर मनन करने की आवश्यकता है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आज दावा किया कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राजदंड’ (सेंगोल) को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किये जाने का प्रतीक बताया हो.
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